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महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी

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स्वास्थ्य सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी

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नारी-स्वास्थ

आज नारीत्व तेजी की राह पर है और प्रत्येक महिला को अपने स्वास्थ्य एवं परिवर्तित होते पलों की बहुत अच्छी समझ रखना आवश्यक है।10 से 14 वर्ष की अधिकांश लड़कियों के शरीर में लम्बाई, भार, और आकार में परिवर्तन आने लगता है। इस चरण को यौवन कहा जाता है। जब शरीर में हाॅर्मोन्स कहलाए जाने वाले रसायनों की अतिरिक्त मात्रा निर्मित होती है, तो यौवन शुरू हो जाता है अर्थात् लड़की में शारीरिक एवं भावानात्मक परिवर्तन शुरू हो जाते हैं।यौवन का एक भाग ‘‘मासिक धर्म’’ (पीरियड्स) कहलाता है या दूसरे शब्दों में इसे ‘‘माहवारी’’ कहते हैं। आरम्भिक स्थिति में, एक लड़की को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसीलिए समस्याओं और संक्रमण से आसानी से निपटने के लिए ध्यानपूर्वक पढ़े।

पहली बार की दुविधा

पहली बार जी दुविधा
पहली बार की दुविधा

किसी लड़की को पहली बार मासिक धर्म होना। जब पहली बार मासिक धर्म होता है, तो हर लड़की को अलग-अलग अनुभूति होती है। यह आकर्षक हो सकती है, यह डरावनी हो सकती है, हालांकि, माहवारी की शुरूआत एक वास्तविक संकेत है कि आप किशोरावस्था से निकलकर नारीत्व अवस्था में पहुंच गयी हैं। ऐसा हो सकता है कि आपको अपनी उम्र बढ़ी हुई प्रतीत न हो, लेकिन अब आपका शरीर अपने खुद के शिशु को जन्म देने के लिए शारीरिकतौर पर तैयार है। यह बातें डरावनी हो सकती हैं, लेकिन ज्ञान प्राप्त कर और तैयारी कर आप अपनी माहवारी एवं नारीत्व से सम्बन्घित किसी भी तरह के भय को दूर निकाल सकती हैं।

 

रजोदर्शन (मेनार्च) क्या होता है?

आपके पहले मासिक धर्म को रजोदर्शन (मेनार्च) के रूप में उल्लेखित किया जाता है। संभावता जब आप बाथरूम में गयी होंगी या आपने कपड़े बदले होंगे तो आपने अपने भीतरी वस्त्र पर रक्त का धब्बा देखा होगा। यह रक्त का धब्बा गाढ़ा भूरा या चमकीला लाल दिखलाई पड़ सकता है, इसीलिए अगर यह ऐसा रंग नहीं है जिसकी आपने उम्मीद की थी, तो चिंता न करें। इस रक्त के लिए आप सैनिटरी पैड या टैम्पोन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके बाद से आपको आपके शरीर के निर्धारण के अनुरूप एक मासिक धर्म चक्र हुआ करेगा। प्रत्येक महिला का अपना निजी चक्र होता है, जो अक्सर 21 और 40 दिनों के बीच होता है। प्रत्येक चक्र की शुरूआत आपके मासिक धर्म से शुरू होती है। अक्सर 3 और 7 दिनों के बीच होती है। प्रत्येक अवधि के दौरान आपको होने वाली माहवारी के रक्त का रंग हल्का पड़ता जायेगा। सभवताः आपको हल्के मासिक धर्म चक्र शुरू होंगे और फिर भारी, अर्थात् हल्के और भारी का क्रम चलता रहेगा। आपका मासिक धर्म को नियमित होने में संभवता 2 वर्ष का समय लगेगा। कभी-कभी आपको मासिक धर्म नहीं भी होगा, लेकिन चिंता न करें, यह एक सामांय घटना है। यदि आप चाहें तो आप अपने मासिक धर्म क्रैम्प के लिए पेन रिलीवर या नेचुरल सप्लीमेंट ले सकती हैं।

रजोदर्शन (मेनार्च) की उम्र


रजोदर्शन (मेनार्च) अक्सर आपके स्तनों के विकसित होने के दो वर्ष बाद और आपके सामान्य और बगलों के बालों के विकसित होने के 4-6 महीने के बाद होता है। अधिकांश उत्तरी अमेरीकी महिलाओं में रजोदर्शन होने की उम्र 12 या 13 वर्ष है, हालांकि आपका पहला मासिक धर्म 9 और 16 वर्ष की उम्र की बीच कभी भी आ सकता है, जोकि आपकी लम्बाई, वजन, और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है। शीघ्र रजोदर्शन ज्यादा से ज्यादा हो रहा है - क्योंकि 8 वर्ष की उम्र की लड़कियों में भी मासिक धर्म की घटनाएं देखी गयी हैं। इसे हम परिपक्वता पूर्व रजोदर्शन (प्रीमेच्योर मेनार्च) के रूप में देख सकते हैं। ऐसी लड़कियों को जिन्हें 16 वर्ष की उम्र तक मासिक धर्म नहीं होता है, को प्राथमिक एमोनोरिया के अनुभव के रूप में वर्णित किया गया है। कभी-कभी बाहरी घटक या जटिलताएं आपके मासिक धर्म को समय से आने में बाधक बनते हैं। निश्चित रजोदर्शन की उम्र को प्रभावित करते हैं। यह निर्धारण करने में कि आपका शरीर कितनी तेजी से विकास करेगा सांस्कृतिक एवं आनुवंशिक घटक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभिन्न जातियों की लड़कियां हल्की सी विभिन्न दर पर विकास करती प्रतीत होती हैं। आपने अनुभव किया होगा कि आपकी दोस्त को पहले से ही मासिक धर्म शुरू हो गए हैं और आपको अभी तक नहीं हुए हैं। आप यह सोच रही होंगी कि कहीं आपके साथ कुछ गड़बड़ तो नहीं है। चिंता मत कीजिए, प्रत्येक लड़की की विकास करने की विभिन्न दर होती हैं। यदि 15 या 16 वर्ष की उम्र तक आपको रजोदर्शन नहीं हुआ है, तो आपको अपने डाॅक्टर से मिलकर अंतर्निहित समस्याओं का निर्धारण कर लेना चाहिए।. अनेक ऐसी लड़कियों को भी समय से मासिक धर्म चक्र नहीं होते हैं, जिनका वजन कम हो या जो कुपोषित हों। आमतौर पर यह माना जाता है कि एक निश्चित वजन (100 पौंड) होना चाहिए जिससे कि आपका मस्तिष्क आपके शरीर को माहवारी शुरू करने का संकेत भेज सके।


माहवारी गंध से निपटना


मासिक धर्म चक्र केवल 5 दिन की ही बात नहीं होती। इसके आलावा काफी कुछ है जैसे असुरक्षा, मनोस्थिति में परिवर्तन, ऐंठन और गंध आदि आपको कुछ और दिन तक परेशान करते हैं। लेकिन आपको हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है, बस मासिक धर्म के दिनों में अपने को तरोताजा रखें और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। नीचे दिए गए सुझावों को पढ़ें और खुशी-खुशी अपने मासिक धर्म चक्र के दिनों से निपटें


चरण 1

प्रचुर मात्रा में पानी पिएं। इससे आपकी शरीर प्रणाली साफ होती है, और प्राकृतिकरूप से आपका शरीर विषमुक्त होता है।


चरण 2 

मासिक धर्म सम्बन्धी उत्पादों (मेनस्टुªअल प्रोडक्ट) को इस्तेमाल करें। कपड़े के बने मासिक धर्म पैड ( क्लाथ मेनस्टुªअल पैड) में अधिक श्वसन क्षमता होती है जिससे जीवाणुओं को विकसित होने के लिए उष्मा नहीं मिल पाती है। मेनस्टुªअल कप यह सुनिश्चित करते हैं कि मासिक धर्म द्रव योनि से बाहर न निकलें।


चरण 3

वेट वाइप्स और बेबी वाइप्स के पैक अपने साथ रखें। घर से बाहर होने पर इनका उपयोग खुद को साफ करने में करें। इन वाइप्स में विशेष प्रकार के जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) होते हैं जोकि शरीर की गंध से बचाव में मदद करते हैं। वेट वाइप्स और बेबी वाइप्स में जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) होते हैं। माहवारी गंध सिर्फ जीवाणु (बैक्टरिया) के कारण होती है। हालांकि, बहुत ज्यादा जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) उत्पादों एवं वाइप्स जिनमें ग्लाइसिरीन होता है के कारण योनि में छाले (यीस्ट संक्रमण) और योनि में जलन हो सकती हैै। कभी भी शौचालय (टाॅयलेट) में अपने वाइप्स न फेंके इससे शौचालय (टाॅयलेट) और मल-प्रवाह प्रणाली बंद हो सकती है।


चरण 4
अपना पंसदीदा बाडी स्प्रे अपने साथ रखें और स्नान करने के बाद इसका इस्तेमाल करें।


चरण 5
स्नान। कहीं भी जाने से पहले स्नान करें। हालांकि योनि को बार-बार धोने से योनि में सूखापन, जलन और छाले (यीस्ट संक्रमण) की समस्या पैदा हो सकती है।


चरण 6
आत्मविश्वास से लबरेज रहें। आपके दोस्तों और सहकर्मियों को किसी तरह की गंध महसूस नहीं होगी।

स्वास्थ्य संबंधी सुझाव

माहवारी के समय की समस्याओं का समाधान
स्वास्थ्य संबंधी सुझाव


1-हमेशा अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें। पेशाब और अपना पैड या टैम्पाॅन (रक्तस्राव रोकने के लिए अवरोध) बदलने के बाद अपनी योनि साफ करें।

2-जहां कहीं भी आप जाएं, एक जोड़ा साफ अनडाइ हमेशा अपने साथ रखें।

3-अपना बाॅडी स्प्रे अपने साथ ले जाएं। जब कभी भी जरूरत महसूस हो स्प्रे करें लेकिन थोड़ा-बहुत ही। आप खुश्बु के निशान सामने वाले व्यक्ति तक छोड़ना नहीं चाहेंगी।

4-अपना पैड, मेनस्टुªअल कप या टैम्पान बदलना न भूलें। साथ ही इसे पूरा भर जाने तक इंतज़ार न करें। जितना जल्दी संभव हो इसे बदल लें!

5-यदि आप मेनस्टुªअल कप का इस्तेमाल कर रही हैं और आपको यह महसूस होता है कि आपका माहवारी रक्त आक्रमक गंध पैदा कर रहा है, तो आपको संक्रमण हो सकता है, इसीलिए तुरंत डाॅक्टर से सलाह लेनी उचित रहेगी।

पीड़ादायक माहवारी:


कभी-कभी आपकी माहवारी पीड़ादायक हो सकती है। अधिकांश लड़कियों को अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान पीएमएस (प्री-मेनस्टुªअल सिंड्रोम), ऐंठन (क्रेम्प), या सिरदर्द की शिकायत होती है। ये समस्याएं सामान्य हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। यहां कुछ तथ्य दिए गए हैं जो बतलाते हैं कि मासिक धर्म चक्र की समस्याएं सामान्य होती हैं और यह संकेत देती हैं कि कुछ घटित हो रहा है।

What Is PMS ?

प्री-मेनस्टुªअल सिंड्रोम (पीएमएस) शारीरिक एवं भावानात्मक लक्षणों के लिए एक शब्द है जिसका अनुभव अधिकांश लड़कियों एवं महिलाओं को प्रत्येक माह अपने मासिक धर्म शुरू होने से ठीक पहले होता है। यदि आपको पीएमएस हो, तो आपको निम्नलिखित का अनुभव हो सकता हैः
मुंहासे, सूजन, पीठदर्द, स्तनों में दर्द, सिरदर्द, कब्ज, दस्त, भोजन की लालसा, अवसाद, नीलापन, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता लाने में दिक्कत, या तनाव झेलने में परेशानी।
जब किसी लड़की को माहवारी शुरू हाती है, तो शुरू के 1 या 2 सप्ताह में पीएमएस की शिकायतें अपनी चरम सीमा पर होती हैं, और जब माहवारी होनी शुरू हो जाती है, तो अक्सर ये लक्षण समाप्त हो जाते हैं।

कुछ लड़कियों को ऐंठन की शिकायत क्यों होती है?


अधिकांश लड़कियों को अपने मासिक धर्म के पहले कुछ दिनो के दौरान पेड़ु में ऐंठन होती है। ऐंठन (क्रेम्प) संभवता आपके शरीर द्वारा निर्मित प्रोस्टाग्लाइंडिस, नामक रसायन की वजह से होती है। यह रसायन गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचित कर देता है। अच्छी खबर यह है कि एंेठन केवल आखिर के कुछ दिनों में ही होती है। लेकिन अगर आपको दर्द हो रहा हो, तो आप आईब्रोफेन जैसी दवा का सेवन कर सकती हैं।

व्यायाम से भी आप खुद को बेहतर अहसास करा सकती हैं। व्यायाम करने से शरीर से एंडोरफिन नामक रसायन निकलता है, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है। गर्म पानी का स्नान या पेट पर गर्म सेक करने से आपकी ऐंठन तो खत्म नहीं होगी लेकिन आपकी मांसपेशियों को थोड़ी बहुत राहत जरूरत मिलेगी। यदि आपकी ऐंठन इतनी गंभीर हो जाए कि आप स्कूल न जा पाएं या फिर अपने दोस्तों के साथ काम न कर पाएं, तो आपको डाॅक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 


माहवारी की समस्याएं

भले ही यह विचित्र लगे, लेकिन मासिक धर्म चक्र से सम्बन्धित अधिकतर चीजें पूर्णतया सामान्य होती हैं। लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जोकि अधिक गंभीर हो सकती हैं। यदि आपको इनमें से किसी भी समस्या का संदेह हो, तो तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें।

माहवारी न होना

महवारी न होने को डाक्टर एमेनोरिहिया के रूप में परिभाषित करते हैं। ऐसी लड़कियों को जिन्हें 16 वर्ष की उम्र तक माहवारी शुरू नहीं हेती है, को प्राथमिक एमेनोरिहिया की शिकायत हो सकती है। हाॅर्मोन असंतुलन या विकास की समस्या की वजह के कारण अक्सर एमेनोरिहिया की शिकायत हो जाती है।

एक ऐसी भी स्थिति होती है, जिसे दूसरे दर्जे की एमेनोरिहिया कहते हैं, इस अवस्था में किसी भी ऐसी महिला को जिसे सामान्य माहवारी होती है, की अचानक कम से कम 3 महीनों तक माहवारी रूक जाती है। हाॅर्मोन ;ळदत्भ्द्धजारी करने वाले गोनेडउहट्रोपिन के निम्न स्तर, जोकि अंडोत्सर्जन (आॅाल्युशन) और मासिक धर्म को नियंत्रित करते हैं, अक्सर एमेनोरिहिया का कारण बनते हैं। तनाव, आहार, भार बढ़ना या कम होना, जन्म नियंत्रण गोलियों का सेवन बंद कर देना, थाइराॅइड स्थितियां, और डिम्बग्रंथि अल्सर कुछ ऐसी समस्याओं के उदाहरण हैं जोकि कि आपके हाॅर्मोन्स को असंतुलित कर सकती हैं। सबकुछ सुचारूढंग से करने के लिए, आपके डाॅक्टर हाॅर्मोन चिकित्सा का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि कोई चिकित्सीय स्थिति आपके मासिक चक्र को प्रभावित कर रही है, तो उस स्थति का इलाज करने से ही समस्या का समाधान पाने में मदद मिलेगी। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, बहुत ज्यादा मेहनत करने और अल्प आहार लेना एमेनोरिहिया का कारण बन सकता है। मेहनत के कामों में कटौती और अधिक कैलोरी के साथ संतुलित आहार लेने से इस समस्या को दुरूस्त करने में मदद मिलेगी लेकिन अपने डाॅक्टर से सलाह लेना भी सुनिश्चित करें।

बहुत ज्यादा माहवारी होना


माहवारी गंध से निपटना
बहुत ज्यादा महामारी होना


बहुत ज्यादा और लम्बी अवधि तक माहवारी होने को डाॅक्टर अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) के रूप में परिभाषित करते हैं। सामान्य प्रवाह में 1 या 2 दिन ज्यादा माहवारी होती है, लेकिन इस अवधि से ज्यादा समय तक ज्यादा माहवारी होना अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) कहलाता है। ऐसी लड़कियों को जिन्हें अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) की शिकायत होती है का पैड कुछ ही घण्टों में भीग जाता है या फिर उन्हें 7 दिन से भी अधिक दिनों तक माहवारी होती रहती है। ( मासिक धर्म के दौरान थक्के होना अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) के आवश्यकतौर से लक्षण नहीं हैं, हालांकि कई लड़कियों को, हल्की तथा भारी माहवारी होने पर, माहवारी के साथ थक्के निकलते हैं। )

शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्ररोन की मात्रा के बीच असंतुलन अक्सर अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) के कारण होता है। इस असंतुलन के कारण, एंडोमीटिरीयम, गर्भाशय की परत का विकास होता रहता है। और जब माहवारी के दौरान शरीर एंडोमीटिरियम से छुटकारा पाता है, तो बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता है।

यौवन अवस्था के दौरान अनेक लड़कियों को हाॅर्मोन असंतुलन की शिकायत होती है, इसीलिए किशोरावस्था में अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) का अनुभव होना आसामान्य बात नहीं है। भारी रक्तस्राव की अन्य वजह थाइराॅइड स्थितियों, रक्त की बीमारियों, योनि या ग्रीव में सूजन या संक्रमण के कारण हो सकती हैं। आसामांय रक्तस्राव के कारणों का पता लगाने के लिए डाॅक्टर श्रोणी जांच, पेप स्मियर, और रक्त जांच जैसे परीक्षण कर सकते हैं। यदि आपको अत्यार्तव (मेनोरहेजिया) की शिकायत है, तो इसका निवारण हाॅर्मोन्स, दवाओं या गर्भाशय में किसी तरह का विकास जिसकी वजह से अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा है, को दूर करने से किया जा सकता है.


अत्यंत पीड़ादायक माहवारी

अत्यधिक पीड़ादायक माहवारी होने को डाॅक्टर डिसमेनउहरिया के रूप में परिभाषित करते हैं। प्राथमिक डिसमेनउहरिया उस पीड़ादायक माहवारी का उल्लेख करता है, जोकि किसी बीमारी या अन्य स्थिति के कारण किशोरियों को होती है। जबकि दूसरे दर्जे का डिसमेनउहरिया किसी बीमारी या स्थिति के कारण होता है। प्राथमिक डिसमेनउहरिया की वजह भी वही प्रोस्टाग्लैंडीन नामक रसायन होता है जिसकी वजह से ऐंठन होती है। आपकी माहवारी के दौरान प्रोस्टाग्लैंडीन के कारण आपको बड़ी मात्रा में मिचली, उल्टी, सिरदर्द, पीठदर्द, दर्द और गंभीर ऐंठन की शिकायत हो सकती है। भाग्यवश, ये लक्षण केवल एक या दो दिन ही रहते हैं। प्राथमिक डिसमेनउहरिया के इलाज के लिए डाॅक्टर दाहक-रोधी (एंटी-इनफ्लेमेटरी) दवाएं लिखते हैं। ऐंठन में व्यायाम, गर्म पानी की बोतल, जन्म नियंत्रक गोलियां राहत प्रदान कर सकती हैं। कुछ अधिक सामान्य स्थितियां जिनके कारण दूसरे दर्जे की डिसमेनउहरिया हो सकती है में शामिल हैंः अंतर्गर्भाशय-अस्थानता (एंडोमेट्रियोसिस)। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आमतौर से गर्भाशय में ही पाए जाने वाले ऊतक गर्भाशय के बाहर विकसित होना शुरू हो जाते हैं। गर्भाशय की भीतरी दीवार पर जीवाणुओं का संक्रमण (बैक्टीरियल इंफेक्शन) होना श्रोणी सूजन बीमारी (पेलविक इनफ्लेमेटरी डीसीज) कहलाता है। इन सभी स्थितियों मंे यह आवश्यक है कि डाॅक्टर समस्या की पहचान करने के बाद ही उचित तरीके से आपका इलाज करें।

आपकी फिटनेस:

कार्यस्थल पर अधिक बुद्धिशीलता से काम करें! घर पर अधिक ऊर्जावान बने रहें! अपने जीवन साथी के साथ कुछ गुणवत्ता प्रदान समय व्यतीत करें! ये सभी कार्य आप तभी कर सकती हैं, जब आप शारीरिकतौर से सक्रिय हों। लेकिन क्या आप में प्रेरणा का अभाव है? यदि आप कोई व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने या नियमितरूप से फिटनेस बनाने के लिए किस प्रेरक स्रोत की तलाश में थीं, तो यहां 6 स्वास्थ्य सम्बन्धी तथ्य दिए जा रहे हैं, जोकि आपको फिट रहने के लिए निश्चय ही प्रेरित करेंगे।

1--मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यायाम

व्यायाम करने से न केवल आपके शरीर में सुधार आता है, बल्कि यह आपको मानसिकतौर से कार्यकलाप करने में भी मदद करता है। व्यायाम करने से ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है और मस्तिष्क मंे सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ती है, जिससे मानसिक स्पष्टता में सुधार होने का मार्ग प्रशस्त होता है। कुल मिलाकर एक अधिक उत्पादनकारी दिन बनता है। उत्पादकता में सुधार न केवल आपको एक बेहतर कर्मी बनाता है, बल्कि इससे कार्यस्थल पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहतर चीजों का सृजन होता है। कम्पनियों को कम समय बर्बाद होता है, कर्मचारी कम बीमार पड़ते हैं और इस प्रकार स्वास्थ्य देखभाल पर बहुत कम लागत आती है और इस प्रकार समग्र विकास होता है।

2--व्यायाम से आपको ऊर्जा मिलती है

आप आश्र्चयचकित होंगी कि सुबह सिर्फ 30 मिनट वर्क आउट करने से आपके पूरे दिन में कितना बदलाव आ जाता है। जब व्यायाम से आपके रक्त में एंडोर्फिन प्रवाहित होता है और आपकी ताकत और सहनशक्ति में सुधार आता है, तो प्रतिदिन के कार्याें को करना अधिक आसान हो जाता है। अब सीढि़यां चढ़ने और किराने का सामान लाने के लिए बाजार जाने में आपको कोई दिक्कत महसूस नहीं होती है। दिनभर अधिक ऊर्जावान बने रहने में भी आपको मदद मिलती है। प्रसिद्ध शारीरिक प्रशिक्षक का कहना है कि सुबह थोड़ा सा व्यायाम करने से जो आपको शारीरिक थकावट महसूस होती है वह प्रतिदिन की थकान से बिल्कुल अलग है। एक बार जब आपका शरीर व्यायाम करने का अभ्यस्त हो जाता है, तो फिर आप और भी अधिक ऊर्जावान महसूस करने लगती हैं।


3--फिट रहने के लिए समय निकालना मुश्किल नहीं है

यह अपने समय को अधिक बुद्धिमता से उपयोग करने जैसा है! आप एक तीर से दो निशाने लगा सकती हैं! आप अपने नन्हें-मुन्नों को पार्क में घुमाने ले जा सकती हैं या बाइक दौड़ा सकती हैं, और साथ ही साथ आप अपने परिवार के साथ शारीरिक गतिविधियां करते हुए मज़ा ले सकती हैं। इसके आलावा आप लम्बी पैदल यात्रा पर भी जा सकती हैं, बच्चों के साथ तैराकी कर सकती हैं, या लुपा-छुपी खेल सकती हैं, बच्चों के साथ फुटबाॅल खेल सकती हैं, उन्हें अपनी पीठ पर बैठाकर घुड़सवारी करा सकती हैं। जिम में जाकर धीमे-धीमे चलने और औपचारिक कसरत करने के लिए एक घण्टे देने का विचार त्याग दें। बजाय इसके आप आप दिन भर में शारीरिक गतिविधियां करके ही अच्छी कसरत कर सकती हैं। 20 मिनट के लिए किसी को साथ लेकर घूमने निकल जाएं। 10 मिनट के लिए रस्सी कूद लें, और कभी-कभी 20 मिनट के लिए दौड़ लगा लें।

वास्तव में, 15 या 20 मिनट की कोई भी गतिविधि बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो सकती है। सुबह घर की साफ-सफाई में लग जाना, दोपहर को बच्चों के साथ पार्क में बाइक दौड़ाना, और शाम को तेज चाल से घूमना दिन भर की एक पर्याप्त कसरत हो सकती है।


4--कसरत करने से बीमारियां आपसे दूर रहती हैं!

शोध दर्शाते हैं कि कसरत करने से हृदय की बीमारियों, उच्च रक्त चाप, उच्च कोलोस्ट्राॅल, टाइप 2 मधुमेह, गठिया, आॅस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की क्षति), मांसपेशी की हानि आदि को धीमा करने में मदद मिलती है। बशर्त है कि आप आवश्यकता से ज्यादा कसरत न करें, कसरत करने से रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास होता है- और इस प्रकार आपको आसानी से ठंड या फ्लु नहीं सताते हैं। वास्तव में, शायद ही कोई प्रमुख स्वास्थ्य समस्या हो जिसमें व्यायाम सकारात्मक भूमिका न निभाता हो।


5--स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य हृदय निवास करता है


व्यायाम (एक्सरसाइज) करने से न केवल आपको बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है बल्कि इससे आपका हृदय और हृदय प्रणाली अधिक प्रभाशालीढंग से कार्य करती है। हृदय हानिकारक परतों का निर्माण कम करता है। यह अधिक कुशलता से रक्त को पम्प करता है और जब हृदय अधिक शक्तिशाली बन जाता है, तो यह प्रति धड़कन अधिक रक्त को पम्प करता है। इस प्रकार हृदय की समस्याएं न्यूनतम हो जाती हैं। ज्यादा काम करने पर हृदय के बहुत तेजी से धड़कने की शिकायत दूर हो जाती है।

आपके व्यायाम करने के कुछेक दिनों के भीतर ही, आपका शरीर तेजी से उत्तेजना के अनुकूल हो जाता है और फिर आपके लिए सबकुछ आसान हो जाता है। आपको कम थकावट महसूस होती है। श्वास लेने में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत नहीं होती। अब आपको इतना दर्द नहीं होता है।


6--व्यायाम से अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाएं


कुछ सप्ताह के लगातार व्यायाम से, आपको यह महूसस होगा कि आपके कपड़ों की फिटिंग बदल गयी है और आपकी मांसपेशियों में रंगत आ गयी है। यदि आप गोल्फ, टेनिस या बास्केट बाॅल खेलती हैं, तो आप पायेंगी कि आपकी मांसपेशियां बहुत ज्यादा चुस्त हो गयी हैं। नियमितरूप से व्यायाम करने से, आपकी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, उनमें लोचकता आती है और कुल मिलाकर आपकी कार्य प्रदर्शन क्षमता बढ़ती है। इसके अतिरिक्त, आपकी प्रतिक्रिया समय और संतुलन में भी सुधार आता है।


माहवारी के समय यौन सम्बन्ध:

माहवारी के दौरान यौन सम्बन्ध बनाना निजी पसंद और सांस्कृतिक विश्वासों का मामला है। चिकत्सीयतौर पर, माहवारी के दौरान यौन सम्बन्ध बनाना सुरक्षित है बशर्त है कि आप असुरक्षित यौन सम्बन्ध न बनाएं।

मासिक धर्म चक्र के दौरान यौन सम्बन्ध बनाने के फायदे

1. यदि आपको संभोग सुख मिल रहा है, तो यौन सम्बन्ध बनाने से माहवारी के पहले और बाद के लक्षणों से आपको मुक्ति मिल सकती है।


2. संभोग सुख के दौरान एंडोरफिन्स जारी होता है जो कि एक प्राकृतिक दर्दनिवारक (पेनकिलर) है और मूड़ को अच्छा बनाता है, जिससे आपकी माहवाीर से जुड़ी ऐंठन, सिरदर्द, हल्का तनाव, और चिड़चिड़ापन दूर होता है।


3. कुछ महिलाएं खुद भी माहवारी के दौरान यौन सम्बन्ध बनाने के दौरान आनंद का अनुभव करती हैं क्योंकि योनी जननांगों क्षेत्रों में परिपूर्णता का एहसास होता है।

क्या माहवारी के दौरान यौन सम्बन्ध बनाने से लिंग या गर्भाशय को कोई हानि होती है?

माहवारी के दौरान निकलने वाले रक्त और ऊतक में गर्भाशय की परत होती है। इसमें कुछ भी गंदा नहीं होता और माहवारी के द्रव के सम्पर्क से लिंग को किसी तरह की चोट या जलन नहीं होती है। ना ही गर्भाशय को किसी प्रकार का खतरा होता है। जैसा कि आपने सुना या पढ़ा होगा उसके विपरीत गर्भाशय ग्रीवा, या गर्भाशय का मुंह माहवारी के रक्त के प्रवाह के लिए ज्यादा नहीं खुलता है। माहवारी के दौरान गर्भाशय में लिंग के प्रवेश कराने पर पर कोई खतरा नहीं होता है। 

माहवारी के दौरान यौन सम्बन्ध बनाने से क्या आप गर्भवती हो सकती हैं?

यदि कोई महिला अंडोत्सर्जन (आॅवयुलेशन) के दौरान, अर्थात् अपने अंडाशय से अंडा जारी होने के समय, यौन सम्बन्ध बनाती है, तो वह गर्भवती हो जाती है। आमतौर पर अंडोत्सर्जन (आॅवयुलेशन) आपकी माहवारी होने से 14 दिन पहले घटित होता है। इस प्रकार, माहवारी के दौरान गर्भधारण करने के अवसर बहुत कम होते हैं। हालांकि, इसके अपवाद भी हैं ।

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