विटामिन `ए´ की कमी से होने वाले रोग |
Disease due to Deficiency of Vitamin A
फेफड़े व सांस की नली के रोग
सर्दी-जुकाम।
नाक-कान के रोग।
हड्डी व दांतों का कमजोर हो जाना।
त्वचा का खुरदरा होना, पपड़ी उतरना।
चर्म रोग, फोड़े-फुंसी, कील-मुंहासे,दाद, खाज।
जांघ व कमर के ऊपरी भाग पर बालों के स्थान मोटे हो जाना।
आंखों का तेज प्रकाश सहन न कर पाना, शाम व रात को कम दिखाई देना या अंधा हो जाना।
गुर्दे या मूत्राशय में पथरी बन जाना।
शरीर का वजन घट जाना।
नाखून आसानी से टूट जाना।
कब्ज होना।
स्त्री-पुरुष की जननेद्रियां कमजोर पड़ जाना।
तपेदिक (टी.बी.),संग्रहणी, जलोदर।
विटामिन-ए से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
विटामिन-`ए´ का आविष्कार 1931 में हुआ था।
विटामिन-`ए´ जल में घुलनशील है।
विटामिन-`ए´ तेल और वसा में घुल जाता है।
विटामिन-`ए´ ‘शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है।
नन्हें बच्चों को विटामिन `ए´ की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
गर्भावस्था में स्त्री को विटामिन `ए´ की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
शरीर में संक्रामक रोगों के हो जाने पर विटामिन `ए´ की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
विटामिन `ए´ की कमी से बहरापन होता है।
फेफड़ों के संक्रमण विटामन `ए´ की कमी से होते हैं।
विटामिन `ए´ की कमी से रोगी तेज प्रकाश सहन नहीं कर पाता है।
विटामिन `ए´ की कमी से कील-मुंहासे आदि कई चर्मरोग हो जाते हैं।
विटामिन `ए´ की कमी से आंखों में आंसू सूख जाते हैं।
विटामिन `ए´ की कमी से आंखों का रतौंधी रोग हो जाता है।
विटामिन `ए´ की कमी से दांत कमजोर हो जाते हैं और दांतों का एनामेल बनने में रुकावट हो जाती है।
दांतों में गड्ढे विटामिन `ए´ की कमी से होते हैं।
विटामिन `ए´ की कमी से पुरुष के जननांगों पर प्रभाव पड़ता है।
साइनस, नथुने,नाक, कान और गले, शिराओं, पतली रक्त वाहिनियों, माथे की रक्त वाहिनियों के संक्रमण विटामिन`ए´ की पूर्ति करने से दूर हो जाते हैं।
स्कारलेट फीवर विटामिन `ए´ देने से ठीक हो जाता है।
विटामिन `ए´ को संक्रमण विरोधी विटामिन की संज्ञा दी जाती है।
विटामिन `ए´ की कमी से बच्चों की बढ़त थम जाती है।
बच्चों को एक हजार से लेकर तीन हजार यूनिट आई, प्रतिदिन विटामिन `ए´ की आवश्यकता होती है।
विटामिन `ए´ की कमी दिमाग की 8 वीं नाड़ी पर बुरा प्रभाव डालती है।
विटामिन `ए´ के प्रयोग से गुर्दों की पथरी का डर नहींर हता। पथरी रेत के कण जैसी बनकर मूत्र से निकल जाती है।
गिल्हड़ (घेंघा)रोग विटामिन `ए´ की कमी से होता है।
दिल धड़कने वाले रोगी को विटामिन-ए´ के साथ विटामिन-बी1 भी देना चाहिए।
विटामिन-`ए´ की कमी से स्त्री का डिम्बाशय सिकुड़ जाता है।
विटामिन-`ए´ की कमी से पुरुष के अण्डकोष सिकुड़ जाते हैं।
विटामिन-`ए´ और `ई´ शरीर में घट जाने पर स्त्री और पुरुषों की संभोग करने की इच्छा नहीं रहती तथा सन्तानउत्पन्न करने की क्षमता भी समाप्त हो जाती है।
विटामिन-`ए´ और `ई´ की कमी से पिट्यूटरी ग्लैण्ड की सक्रियता में बाधा हो जाती है।
विटामिन-`ए´ से धमनियां और शिराएं मुलायम रहती हैं।
विटामिन-`ए´ की कमी से बाल झड़ने लगते हैं।
मछली के तेल में विटामिन-`ए´ सबसे अधिक होता है।
विटामिन-`ए´ की कमी से सिर के बाल खुरदरे हो जाते हैं।
विटामिन-`ए´ की कमी से भूख घट जाती है।
विटामिन-`ए´ की कमी से मौसमी एलर्जी होती है।
विटामिन-`ए´ की कमी से वजन गिर जाता है।
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