आंखों के आसपास झुर्रियां
आँखों के आसपास की त्वचा बहुत कोमल और लोचदार होने से बाहरी एवम अंदरूनी प्रभावों से शीघ्र प्रभावित होने लगती हैं और प्रायः 25 वर्ष के बाद उसमे शुष्कता उतपन्न हो जाती हैं । सौन्दर्यवान बने रहने के लिये 25 वर्ष की आयु के बाद आंखों के आसपास की त्वचा पर अंगलियो से कोमलतापूर्वक क्रीम अथवा तेल की मालिश नित्य करते रहना चाहिए ।
ध्यान रखें , यदि आंखों के आसपास जलन हो तब मालिश न करे ,अन्यथा त्वचा में सिकुड़न आ सकती हैं ।
झुर्रियों पर क़ाबू करने के लिये बादाम का तेल अथवा क्रीम का प्रयोग करे ।
नुस्खा
चाय पत्ती को पानी मे उबालकर छान लें तथा रुई के फाहे को इसमें भिगोकर आंखों के चारो ओर लगाए । नियमित रूप से इस उपाय को करते रहने से फर्क जल्दी ही दिखाई देने लगेगा ।
कुछ लकीरे स्वाभाविक होती हैं जो मिस्कुराने पर चेहरे की सुंदरता को बढ़ाती हैं । लेकिन जब लकीरे नीचे की ओर झुकी होती हैं , तब इसकी वजह तनाव - चिंता समझना चाहिए । ऐसे में ऊपर बताये अनुसार क्रीम अथवा तेल की मालिश करे , लेकिन कुछ देर हौले - हौले मालिश करने के आधा घंटे बाद अतिरिक्त क्रीम या तेल को आहिस्ता से साफ कपड़े या रुई से पौछ दे अन्यथा वहा सूजन होने का अंदेशा हो जाता हैं ।और अंत मे , नित्य आठ घंटे अवश्य नींद ले , सेहत के अलावा आँखों की सुंदरता के लिए यह भी जरूरी हैं ।
आँखों के नीचे काले धब्बे
स्त्री सौंदर्य में आंखों का बहुत महत्व है । काली , कजरारी आँखे चेहरे की सुंदरता को द्विगुणित करती हैं । नेत्र - सौंदर्य के दो पहलू है - स्वास्थ्य संबंधी औऱ श्रृंगार संबंधित ।
जब शरीर को आवश्यक मात्रा में विटामिन ' A ' और ' D ' नही मिल पाते तब दॄष्टि कमजोर पड़ जाती है । ऐसे में दूध , पनीर , हरि शाक और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दे । आंखों में शुद्ध गुलाब जल की 1 - 2 बूंदे डालना शुरू कर दे । त्रिफला की एक चम्मच मात्रा को रात में मिट्टी के बर्तन में , पानी डालकर रखे । प्रातः उसको छानें तथा छने पानी के आँखों पर हल्के छपाके दे । ऐसा नित्य करे । आंवलो का सेवन करे , इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है ।
दिन भर की भाग - दौड़ औऱ काम से आंखें भी थक जाती है । ऐसे में रात को सोने से पहले पलंग पर आँखे मूंदकर लेट जाये और पलको के ऊपर बर्फ के पानी मे भीगे फाहे 10 - 12 मिनट तक रखे ।
झुर्रियां |
थकी आँखों को मूंदकर उन पर आहिस्ता से हथेली रखे , ऐसे में आंखों के सामने बेतरतीब आकृतियां और काला रंग होगा । थोड़ी देर बाद आँखे खोलकर पुनः मूंदकर हथेली रखे ।
इस क्रिया को कई बार दोहराये । एक स्तिथी ऐसी आएगी की अस्त - व्यस्त आकृतियां अपने आप लुप्त हो जाएगी और केवल कला रंग ही दिखाई देगा । आँखों का यह प्रयोग नित्य करे ।
आँखों को कसकर बन्द करे , फिर अधिक से अधिक खोलने की चेष्टा करे । इस अभ्यास को 10 बार तक दोहराये ।
ध्यान रहे , इस अभ्यास के दौरान माथा और भवे नही हिले । केवल पलके ही झपके । आंखों की मांसपेशियों के लिये यह बहुत अच्छा है ।
आँखों की पुतलियों को जल्दी - जल्दी , बार - बार झपकाए । फिर आँखों को कुछ देर बंद रखे । पुनः खोलकर झपकाए ।
इस अभ्यास से आँख की पुतली में चिकनाहट आती हैं । पलकों कि मांसपेशियों को ताकत मिलती हैं । और अंत मे , आँखों को पर्याप्त विश्राम मिलना चाहिए । रात को सोने से जो आराम मिलता हैं , वह पर्याप्त नही होता , अतः दिन में भी थकान महसूस होते ही हथेली आँखों पर रखकर , उन्हें आराम पहुचाये ।
आंखों की पुतलियों को 20 - 20 बार दायीं - बायी ओर घुमाये , लेकिन दिशा परिवर्तन के दौरान पलके बन्द रहनी चाहिए । दर्पण के सामने अपने प्रतिबिंब को 5 मिनट तक नित्य निहारना भी आँखों का एक अच्छा व्यायाम हैं ।
बोझिल आँखे |
बोझिल आँखें
यदि आँखों के नीचे सूजन हो अथवा उनमें बोझिलता हो तब या तो इसकी वजह सेहत से जुड़ी कोई गड़बड़ी हो सकती है । अथवा घटिया क्रीम आंखों के चारो ओर लगाना या फिर क्रीम पूरी रात आंखों के आसपास लगी रहे । ध्यान रहे , क्रीम लगाने के बाद आँखों के पास से 20 मिनट बाद साफ कर देनी चाहिये ।
आँखों की बोझिलता दूर करने का उपाय
शांतिचित्त होकर पीठ के बल सीधा लेट जाएं , खीरे के गोल टुकड़े काटकर दोनो आंखों पर 10 मिनट तक रखे ।
जय हिंद जय भारत
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