> मानसिक स्वास्थ्य व मनोरोग | Health of Mind and Causes

मानसिक स्वास्थ्य व मनोरोग | Health of Mind and Causes

मानसिक स्वास्थ्य व मनोरोग

Mind Problems and Health


मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध मानसिक स्वास्थ्य के उपाय मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषाएं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग मानसिक स्वास्थ्य का महत्व मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण मानसिक स्वास्थ्य क्या है
मानसिक स्वास्थ्य व मनोरोग

अच्छा स्वास्थ्य शारीरिक रूप से स्वस्थ शरीर भर नहीं, उससे कुछ ज्यादा होता है ; एक स्वस्थ व्यक्ति का दिमाग भी स्वस्थ होना चाहिए | एक स्वस्थ दिमाग वाले व्यक्ति में स्पष्ट सोचने और जीवन में सामने आने वाली समस्याओं, का समाधान करने की क्षमता होनी चाहिए | मित्रों, कार्यस्थली पर सहकर्मियों और परिवार के साथ उसके संबंध अच्छे होने चाहिए | उसे आत्मिक रूप से शांत और सहज महसूस करना चाहिए और समुदाय के दूसरे लोगों को खुशी देनी चाहिए | स्वास्थ्य के इन पहलुओं को मानसिक स्वास्थ्य माना जा सकता है |




हम भले ही शरीर और दिमाग के बारे में इस लहजे में बात करते हों जैसे वे दो अलग चीजों हो, लेकिन हकीकत में वे एक ही सिक्के के दो पहलुओं के समान हैं | दोनों में बहुत कुछ की साझेदारी है, पर हमारे आसपास के संसार को वे अलग दिखते हैं | अगर दोनों में से किसी एक पर कोई असर पड़ता है, तो इससे दूसरा भी लगभग निश्चित रूप से प्रभावित होगा | अगर हम शरीर और दिमाग को अलग कर सोचते हैं, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वे एक-दसूरे से स्वतंत्र हैं |

ठीक जैसे हमारा शरीर बीमार पड़ सकता है, उसी तरह दिमाग ही रोगी हो सकता है | इस स्थिति को मनोरोग कहा जाता है | “किसी व्यक्ति द्वारा अनुभव की जाने वाली कोई भी बीमारी जो उसी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को इस तरह प्रभावित करती है कि वे उसकी सांस्कृति मान्यताओं तथा व्यक्तित्व से मेल न खाएं और उस व्यक्ति तथा उसके परिवार की जिंदगी पर नकारात्मक असर डालें” , तो वह बीमारी मनोरोग कहलाएगी |

दो महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो इस सामग्री का आधार निर्मित करते हैं :

1• मानसिक रोगों के कारणों और उनके उपचार की हमारी समझ में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है | ज्यादातर उपचार सामान्य या सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता के द्वारा प्रभावी रूप से किए जा सकते हैं |
2• मनोरोग के दायरे में बहुत तरह की स्वास्थ्य समस्याएं आती हैं | ज्यादातर लोग मनोरोग को हिंसा, उत्तेजना और असहज यौनवृत्ति जैसे गंभीर व्यवहार संबंधी विचलनों से जुडी बीमारी मानते हैं | ऐसे विचलन अक्सर गंभीर मानसिक अस्वस्थताओं का परिणाम होते हैं | लेकिन, मनोरोग से पीड़ित ज्यादातर लोग दूसरे सामान्य लोगों जैसा ही व्यवहार करते हैं और वैसे ही दिखते हैं | इन आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में अवसाद, चिंता, यौन समस्याएं तथा व्यसनों की लग शामिल हैं |

मनोरोग के बारे में आपको चिंतित क्यों होना चाहिए ?

कई कारण हैं जिनके चलते आपको मनोरोगों के प्रति चिंतित होने की जरुरत है |
1• क्योंकि वे हम सभी को प्रभावित करते हैं | ऐसा अंदाजा है कि पांच व्यस्क व्यक्तियों में से एक अपने जीवन में किस समय मनोरोग के अनुभव से गुजरता है | इससे पता लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं कितनी आम बात हैं | कोई भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हो सकता है |

2• क्योंकि वे सार्वजानिक स्वास्थ्य पर एक बड़ा बोझ हैं | विश्व के लगभग हर कोने में किए गए मनोरोग व्यक्ति की घर ओर बाहर काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है | अध्ययन इस बात को दर्शाते हैं कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में खुद को दिखाने आने वाले वयस्कों में से 40 प्रतिशत किसी न किसी मनोरोग से पीड़ित हैं | सामान्य या सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं में आने वाले अनेकों लोग अस्पष्ट शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए आते हैं | इन समस्याओं को ‘साइकोसोमेटिक’ यानि मनो – शारीरिक या इसी तरह का कोई नाम दिया जा सकता है | दरअसल, इनमें से अनेकों लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होते हैं |

3• क्योंकि वे व्यक्ति को बहुत असमर्थ बना देते हैं | हालांकि आम मान्यता यह है कि मानसिक बीमारियां शारीरिक बीमारी के मुकाबले कम गंभीर होती हैं, पर हकीकत में वे गंभीर असमर्थता पैदा करती हैं | आत्महत्या या दुर्घटना के कारण उनसे मृत्यु भी हो सकती है | कुछ लोग किसी मानसिक रोग के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी पीड़ित होते हैं | ऐसे लोंगों में मानसिक रोग शारीरक रोग को और बढ़ा सकता है | 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व स्वास्थ्य रपट से यह बात सामने आई कि संसार भर में दस में से चार लोगों को जो रोग सबसे ज्यादा असमर्थ बनाते हैं, वे हैं मनोरोग | अवसाद सबसे ज्यादा असमर्थ बनाने वाली बीमारी पाई गई | 

4• क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं बहुत अपर्याप्त हैं | ज्यादातर देशों में मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों व अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों का घोर अकाल है | वे विशेषज्ञ अपना ज्यादातर वक्त उन लोगों की देखभाल में लगाते हैं जो गंभीर मानसिक अस्वस्थताओं (साइकोसिस) से पीड़ित हैं | हालांकि ऐसे मनोरोग बहुत कम होते हैं, पर यही वे रोग हैं जिन्हें समुदाय मानसिक बीमारी के रूप में देखता है | अवसाद या शराब पीने जैसी अपेक्षाकृत बहुत आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित ज्यादातर लोग किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेने के लिए नहीं आते | इसलिए, सामान्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता ही इन रोगों का उपचार करने की सबसे बेहतर स्थिति में है |

5• क्योंकि हमारे समाज तेजी से बदल रहे हैं | संसार में अनेकों समाजों में नाटकीय आर्थिक व सामाजिक बदलाव आ रहे हैं | तीव्र विकास, पलायन, बढ़ती हुई आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और हिंसा के स्तरों से होती बढोत्तरी के चलते समुदायों का सामाजिक ताना-बाना बदल रहा है | ये सभी कारण खराब मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं |

6• क्योंकि मनोरोग के कारण सामाजिक लांछन लगता है | मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्या से पीड़ित ज्यादातर लोग मानाने को तैयार ही नहीं होते कि उन्हें कोई रोग है | जिन लोगों को मानसिक रोग होता है, उनके साथ अक्सर समुदाय और उनके परिवार के द्वारा भेदभाव किया जाता है | स्वास्थ्य कार्यकर्ता आम तौर पर उनसे सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार नहीं करते |

 मनोरोग की किस्में

किसी मनोरोग को पहचानने और उसका निदान करने के लिए आपको लगभग पूरी तरह उन बातों पर ही निर्भर करना पड़ता है जो कि लोग आपको बताते हैं | इसके निदान का प्रमुख उपकरण उस व्यक्ति के साथ साक्षात्कार करना है | मनोरोगों से ऐसे लक्षण पैदा होते हैं जिन्हें उनसे पीड़ित व्यक्ति और उनके आसपास के लोग महसूस कर सकते हैं | ये लक्षण मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं :
1• शारीरिक – ‘सोमेटिक लक्षण’ | ये शरीर के अंगों और शारीरिक क्रियाकलापों पर असर डालते हैं | इनमें विभिन्न तरह के दर्द, थकान तथा नींद संबंधी समस्याएं शामिल हैं | इस बात को याद रखना जरुरी है कि मनोरोग अक्सर शारीरिक लक्षण पैदा करते हैं |
2• महसूस करना – भावनात्मक लक्षण | उदास या डरा हुआ महसूस करना इसके प्रतिनिधि उदहारण हैं |
3• सोचना – ‘ बौद्धिक’ लक्षण | आत्महत्या के बारे में सोचना, यह सोचना कि कोई आपको नुकसान पहुंचाने जा रहा है, साफ़-साफ सोचने में मुश्किल आना तथा भुल्लकड़पन इसके प्रतिनिधि उदहारण हैं |
4• व्यवहार – व्यवहार संबंधी लक्षण | ये लक्षण व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलापों से सम्बंधित हैं | इसके उदहारण हैं : आक्रमक तरीके से व्यवहार करना और आत्महत्या की कोशिश करना |
5• निराधार कल्पनाएँ करना – इन्द्रियबोध संबंधी लक्षण | ये किसी इंद्रिय द्वारा पैदा किये जाते हैं और इनमें ऐसी आवाजें सुनना, चीजें देखना शामिल हैं जिन्हें और लोग सुन-देख नहीं सकते |

                             मोटे तौर पर मनोरोग की छः श्रेणियां है :

1• आम मानसिक अस्वस्थताएं (अवसाद और चिंता से ग्रस्त रहना) ;
2• ‘बुरी आदतें’ जैसे शराब और नशीली दवाओं के बिना न रह सकना ;
3• गंभीर मानसिक अस्वस्थताएं (मनोविकृतियाँ या साइकोसिस) ;
4• मंदबुद्धि होना ;
5• बुजुर्गों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ;
6• बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं |

                               आम मानसिक अस्वस्थताएं

(अवसाद और चिंता से ग्रस्त रहना )
अवसाद की मुख्य विशेषताएं

शारीरिक

• थकान और चूर-चूर होने व कमजोरी का अहसास
• पुरे शरीर में अजीब से दर्द व पीड़ा

भावनात्मक

• उदास और दुखी महसूस करना
• जीवन सामाजिक संबंधों और काम इत्यादि में दिलचस्पी का खत्म होना
• अपराध बोध की भावनाएं

सोच संबंधी

• भविष्य को लेकर निराशा
• फैसले लेने में मुश्किलें
• यह सोच कि वह बाकि लोगों से कमतर है (आत्म सम्मान की कमी)
• यह सोच कि उसका जीवित न रहना ही बेहतर होगा
• आत्महत्या के खयाल और योजनाएं
• दिमाग को एकाग्र करने में कठिनाई

व्यवहार संबंधी

• नींद की परेशानी ( आम तौर पर कम नींद आना, पर कभी-कभी बहुत नीदं आना)
• भूख कम लगना (कभी-कभी ज्यादा लगना)
• कामेच्छा में कमी आना

आम मानसिक अस्वस्थताओं की तीन किस्में विशष्ट या असाधारण शिकायतों के साथ सामने आ सकती हैं :

1• जब चिंताग्रस्त के भीषण दौर पड़ते हैं, तो उसे संत्रास या ‘पेनिक’ कहा जाता है | ये आम तौर पर केवल कुछ ही मिनट के लिए पड़ते हैं | आम तौर पर संत्रास के दौरे कुछ अचानक शुरू होते हैं | इनमें चिंताग्रस्त के गंभीर शारीरिक लक्षण प्रकट होते हैं और इनसे पीड़ित व्यक्ति को बहुत भय लगता है कि उसके साथ कुछ भयानक होने जा रहा है या वह मरने जा रहा है | संत्रास के दौरे इसलिए पड़ते हैं कि डरे हुए लोग सामान्य के मुकाबले ज्यादा तेजी से सांस लेते हैं | इसके कारण उनके रक्त में रासायनिक बदलाव होते हैं और इन्हीं की वजह से ये लक्षण प्रकट होते हैं |


2• भय या फोबिया तब होता है, जब कोई व्यक्ति किसी खास स्थिति में भयभीत महसूस करता है ( और उस स्थिति में उसे अक्सर फोबिया का दौरा पड़ता है ) | ऐसी आम स्थित्तियों में बाजार और बसों जैसी भीड़ भरी जगहें , छोटे कमरों या लिफ्ट जैसी छोटी जगहें और लोगों से मिलने जैसी सामाजिक स्थितियां शामिल हैं | फोबियाग्रस्त व्यक्ति अक्सर उस खास स्थिति से बचना शुरू कर देता है | इसके कारण गंभीर मामलों में व्यक्ति घर से बाहर निकलना बिल्कुल बंद कर सकता है

3• मनोग्रस्ति – मनोबध्यता (ओब्सेसिव-कम्पल्सिव) की अस्वस्थताएं ऐसी स्थितियां हैं जिनमें किसी व्यक्ति के दिमाग में बार-बार वही-वही खयाल आते हैं (मनोग्रस्ति) या व्यक्ति बार-बार वही काम करता है (मनोबाध्यता), जबकि वह व्यक्ति जानता है कि ऐसा सोचना या करना अनावश्यक या मूर्खतापूर्ण है | मनोग्रास्तियाँ और मनोबाध्यताएं इतनी ज्यादा बार घटित होने लगती हैं कि व्यक्ति के दिमाग की एकाग्रता को प्रभावित कर दें | इससे अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है |
स्वास्थ्य देखभाल स्थलियों में अवसाद और चिंताग्रस्त अनेकों रूपों में प्रकट हो सकती है |

                                  चिंताग्रस्तता की मुख्य विशेषताएं

शारीरिक

• अपने दिल के तेजी से धड़कने का अहसास
• दम घुटने का अहसास
• सिर चकराना
• कांपना, पुरे शारीर में कंपन
• सरदर्द
• अपने अंगों या चेहरों पर पिनें या सुइयां चुभोने का अहसास

भावनात्मक

• यह महसूस करना कि उसके साथ कुछ भयानक होने जा रहा है |
• भयभीत महसूस करना
सोच संबंधी
• अपनी समस्याओं का स्वास्थ्य के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करना
• यह सोचना कि वह मरने, बेकाबू या पागल होने जा रही है | ( ये सोच अक्सर गंभीर शारीरिक लक्षणों और घोर भय से जुड़े होते हैं )
• न चाहने और नियंत्रित करने की कोशिश के बावजूद किसी परेशान करने वाले विचार के बार-बार सोचना
व्यवहार संबंधी
• उन स्थितियों से बचना जिनमें व्यक्ति को भय महसूस होता है, जैसे बाजार या सार्वजनिक परिवहन
• ठीक से नींद न आनागंभीर मानसिक अस्वस्थताएं ( साइकोसिस या मनोविकृतियाँ)

मानसिक अस्वस्थता के इस समूह में तीन मुख्य प्रकार के रोगे आते हैं : खंडित मानस (स्किजोफिन्या), उम्मादी – अवसादक अस्वस्थता (मेनिक-डिप्रेसिव डिसऑर्डर जिसे बाइपोलर या धुर्वीय मनोरोग भी कहा जाता है) तथा कुछ समय के लिए होने वाले साइकोसिस या मनोवृतियां | ये रोग बहुत कम होते हैं | लेकिन व्यवहारगत समस्याएं और विचित्र या असाधारण सोच इन रोगों की विशेषताएं हैं | इसीलिए खासकर इन्हीं समस्याओं को मनोरोग के रूप में देखा जाता है | मानसिक चिकित्सालयों में ज्यादातर रोगी साइकोसिस या मनोविकृतियों से पीड़ित होते हैं |

शराब पर निर्भरता की मुख्या विशेषताएं

शारीरिक

• पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैसट्राइटिस तथा अल्सर
• लीवर खराबी और पीलिया
• खून की उल्टी आना
• सुबह उल्टी आना या तबियत खराब होना
• कंपन, खासकर सुबह
• दुर्घटनाएं तथा चोटें
• दौरे, पसीना आना तथा मतिभ्रम जैसे विदड्राअल के लक्षण

भावनात्मक

• असहाय तथा बेकाबू महसूस करना
• नशे में किये गए अपने व्यवहार के बारे में अपराध बोध होना
सोच संबंधी
• शराब पीने की गहरी इच्छा
• पीने के आगले मौके के बारे में लगातार सोचते रहना
• आत्महत्या के विचार मन में आना

व्यवहार संबंधी

• नींद आने में दिक्कत होना
• दिन में पीने की जरुरत
• सुबह पीने की जरुरत ताकि जिस्मानी परेशानी दूर हो सके|

नशीली दवाओं के दुरूपयोग की मुख्य विशेषताएं

शारीरिक

• सांस संबंधी समस्याएं, जैसे दमा
• अगर व्यक्ति दावा को इंजेक्शन के जरिए लेता है, तो त्वचा संक्रमण और अलसर
• दवा न लिए जाने पर विदड्राअल की प्रतिक्रियाएं, जैसे उबकाई आना, चिंताग्रस्त होना, कंपन, दस्त, पेट में ऐंठन, पसीना आना

भावनात्मक

• असहाय तथा बेकाबू महसूस करना
• नशीली दवाएं लेने की आदत के बारे में अपराध बोध होना
• उदास तथा निराश महसूस करना

सोच संबंधी

• दावा लेने की तीव्र इच्छा
• दावा लेने के अगले मौके के बारे में लगातार सोचना
• आत्महत्या के खयाल

व्यवहार संबंधी

• नींद आने में कठिनाई
• चिडचिड़ापन, जैसे बात-बात पर गुस्सा आना
• दवाएं खरीदने के लिए पैसे चुराना 

स्किजोफिन्या या खंडित मानस की मुख्य विशेषताएं

शारीरक

• विचित्र शिकायतें, जैसे यह अहसास कि कोई जानवर या विचित्र चीजें शरीर के भीतर हैं

भावनात्मक

• अवसाद
• रोजमर्रा की गतिविधियों में कोई दिचास्पी और उत्साह न होना
• इस बात से डरना कि कोई नुकसान पहुंचाएगा

सोच संबंधी

• साफ-साफ सोचने में कठिनाई होना
• विचित्र बातें सोचना, जैसे कि दूसरे उसे नुकसान पहुँचाने की सोच रहे हैं या उसका दिमाग बाहरी शक्तियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है ( ऐसी सोचों को डेल्यूजन्स या भ्रांतियां कहा जाता है )

व्यवहार संबंधी

• रोजमर्रा की गतिविधियों से कट जाना
• बेचैनी और चहलकदमी
• आक्रामक व्यवहार
• विचित्र व्यवहार, जैसे कूड़ा इक्कठा करना
• अपनी देखभाल और साफ-सफाई के प्रति लापरवाही
• सवालों के बेतुके और अप्रासंगिक जवाब देना

निराधार कल्पनाएं

• अपने बारे में बातें करती आवाजें सुनना, खासकर अप्रिय आवाजें (हेल्यूसिनेशंस या मतिभ्रम)
• ऐसी चीजें देखना जो दूसरों को दिखलाई नहीं दे रही हों (मतिभ्रम)

मनोन्माद की मुख्य विशेषताएं

भावनात्मक

• अपने आपको संसार के शिखर पर समझना
• बिना किसी कारण के प्रसन्नता अनुभव करना
• चिडचिडापन

सोच संबंधी

• यह विश्वास करना कि उसके पास विशेष शक्तियां हैं या वह एक विशेष व्यक्ति है
• यह विश्वास करना कि दूसरे उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं

व्यवहार संबंधी

• तेजी से बोलना
• सामाजिक रूप से गैर-जिम्मेदार होना, जैसे यौन व्यवहार में असामान्य
• शांत या स्थिर न बैठ पाना
• काम सोना
• काई चीजें कनरे की कोशिश करना, पर उनमें से किसी को भी पूरा न कर पाना
• उपचार से इंकार करना

निराधार कल्पनाएं करना

• ऐसी आवाजें सुनान जिन्हें दूसरे नहीं सुन पाते ( ये आवाजें अक्सर उसे बताती हैं कि वह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो महान चीजें कर सकता है )

मनोरोग के कारण

अनेकों संस्कृतियों में मानसिक अस्वस्थता के कारणों को समझने के लिए चिकित्सीय और पारंपरिक, दोनों ही तरह की व्याख्याओं का इस्तेमाल किया जाता है | व्याख्या के पारंपरिक मॉडल अध्यात्मिक या परा-प्राकृतिक कारणों से संबंधित होते हैं, जैसे आत्माएं या जादू-टोना |आपको अपनी संस्कृति में प्रचलति ऐसी पारंपरिक मान्यताओं की जानकारी होनी चाहिए | पर इसके साथ ही आपको चिकित्सीय सिद्धांतों की भी जानकारी होनी चाहिए और अपने पास परामर्श के लिए आने वाले रोगियों के मनोरोगों की व्याख्या करने और उन्हें समझने में इनका इस्तेमाल करना चाहिए | मनोरोग पैदा करने वाले निम्नलिखित मुख्य कारणों को ध्यान में रखना उपयोगी साबित होगा :


1• जीवन में तनावपूर्ण घटनाएं | जीवन अनुभवों और घटनाओं से भरा है | इनसे से कुछ व्यक्ति को चिंतित कर सकती है और तनाव में डाल सकती है | ज्यादातर लोग सीख लेते हैं कि ऐसी घटनाओं का सामना कैसे किया जाए और जीवन को कैसे जारी रखा जाए | लेकिन, कभी-कभी वे मनोरोग का कारण बन सकती है | बेरोजगारी, किसी प्रियजन की मृत्यु, कर्जदार होने जैसी आर्थिक समस्याएं, अकेलेपन बांझपन या नपुंसकता, वैवाहिक झगड़ा, हिंसा और मानसिक अघात ऐसी समस्याएं हैं जो बहुत ज्यादा तनाव पैदा करती है |


2• कठिन पारिवारिक पृष्ठभूमि | हिंसा या भावनात्मक उपेक्षा के कारण जिन लोगों का बचपन दुःख भरा रहा हो, उन लोगों के बाद के जीवन में अवसाद और चिंताग्रस्त जैसे मनोरोगों से पीड़ित होने की कहीं ज्यादा संभावना होती है |


3• दिमागी बीमारियां | दिमागी संक्रमण, एड्स, सिर में चोटें, मिरगी तथा स्ट्रोक के परिणाम स्वरुप मंद्बुद्धिता, मनोभ्रंश तथा भावनात्मक समस्याएं पैदा हो सकती हैं | अभी तक अनेकों मनोरोगों के लिए किसी निश्चित मस्तिष्क रोगविज्ञान की पहचान नहीं हो सकी है | लेकिन, यह दर्शाने के लिए सुबूत हैं कि अनेकों मनोरोग न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे मष्तिष्क के रसायनों में बदलाव से संबंध रखते हैं |


4• अनुवांशिक या जींस | कई मानसिक अवस्थताओं में अनुवांशिक एक महत्वपूर्ण कारण होती है | लेकिन अगर माता-पिता में से केवल एक ही मनोरोग से पीड़ित हो, तो बच्चे में उस मनोरोग के पैदा होने की संभवना बहुत कम होती है | इसका कारण यह है कि मधुमेह और ह्रदय रोग जैसे पर्यावरणीय कारणों से भी प्रभावित होते हैं |


5• चिकित्सीय समस्याएं | गुरदे और लीवर के खराब हो जाने जैसी शारीरिक बीमारियां कभी-कभी गंभीर रोगों को जन्म दे सकती हैं | कुछ दवाएं ( जैसे उच्च रक्त चाप के उपचार के लिए दी जाने वाली कुछ दवाएं) अवसाद की बीमारी पैदा कर सकती हैं | कुछ दवाएं ज्यादा मात्रा में बुजुर्गों को दी जाने पर डिलिरियम या सन्निपात को जन्म दे सकती है |

Post a Comment

0 Comments