एब्रोमा ऑगस्टा का परिचय
एब्रोमा ऑगस्टा आसाम,बंगाल और सिक्किम में पाया जाने वाला एक वृक्ष है | इसके औषधीय गुणों को 1919 में सबसे पहले कलकत्ता के डॉ. डी.एन.राव ने परिचित कराया .उसके बाद इसका उपयोग आयुर्वेदा में होने लगा.आयुर्वेद में इस वृक्ष के पंचांगों का जड़ ,तना,छाल,फूल व पत्तिया का उपयोग किया जाता है |
Abroma Augusta |
एब्रोमा ऑगस्टा ( DEVILS COTTON ) Uses in Hindi
Abroma Augsta
- इंग्लिश में इसे डेविल्स कॉटन (DEVILS COTTON ) कहा जाता है.
- हिंदी में इसे योनिपुष्पा कहा जाता है |
- मराठी में ओलकंत बोल कहते है |
आयुर्वेदिक रिसर्च के अनुसार यह औषधि महिलाओं के मासिक धर्म की समस्याओ से निजात दिलाती है |जिन महिलाओ को सारी रिपोर्ट्स नार्मल होने पर भी संतति नहीं होती उन महिलाओ के लिए यह औषधि रामबाण है |
आयुर्वेद में इस औषधि का सेवन कैसे करना चाहिए
पांच ग्राम इस वृक्ष की जड़ और चार-पांच काली मिर्च को 400 मिली पानी में उबालना चाहिए और जब यह 100 मिली रह जाये तब इसे ठंडा होने पर छानकर इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है | उपरोक्त प्रयोग किसी भी प्रकार की मासिक समस्या होने पर लिया जा सकता है !
होमोयोपेथिक जगत में सन 1972 में नई दिल्ली के डॉ.जुगल किशोर ने इस मेडिसिन की प्रूविंग की और इसके और अच्छे गुणों का पता चला .होमोयोपैथी में इस औषध का निम्न लक्षणों के आधार पर प्रयोग किया जाता है.यह मेडिसिन डायबिटीस मेलिटस /इन्सिपिडस में भी अच्छे परिणाम देती है.एब्रोमा आगस्टा औषधि अनिद्रा रोग, नासूर, मधुमेह, मूत्र रोग, कमजोरी, मानसिक कमजोरी तथा अन्नसारमेह (एल्बुमीनिरिया) रोगों को ठीक करने में बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-
एब्रोमा आगस्टा के भूख से सम्बन्धित लक्षण
अस्वाभाविक भूख (किसी ऐसे समय पर भूख लगना जिस समय पर भूख नहीं लगना चाहिए।) जैसे- भरपेट भोजन करने के तुरन्त बाद भी भूख लग जाना और खाना खा लेना। इस लक्षण से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के आमाशय से सम्बन्धित लक्षण
भूख महसूस होने के साथ बेहोशी जैसा अनुभव होना, कई प्रकार का भोजन करने की इच्छा होना, पेट के अन्दर खालीपन महसूस होना। इस प्रकार के लक्षण से पीड़ित रोगी का इलाज करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभदायक होती है।
एब्रोमा आगस्टा के पेट से सम्बन्धित लक्षण
आध्मान (फ्लेट्युलेंस) अर्थात पेट के फूलने पर एब्रोमा आगस्टा औषधि का उपयोग लाभदायक है।
एब्रोमा आगस्टा के मल से सम्बन्धित लक्षण
कब्ज रोग, काला मल होना, गांठदार मल होना, ढेलेदार मल होना, शौच क्रिया में बहुत तेज जोर लगाने के बाद मल निकलना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के इलाज के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के मूत्र से सम्बन्धित लक्षण
दिन-रात अधिक मात्रा में पेशाब होना, पेशाब करने के लिए बार-बार जाना, मुंह का सुखना, अधिक प्यास लगना, पेशाब करने के बाद पानी पीने की इच्छा करना, पेशाब करने के बाद थकान महसूस होना, पेशाब से मछली जैसी बदबू आना, पेशाब हल्का तैलीय होना, मधुमेह रोग होना, रात के समय में बिस्तर पर पेशाब हो जाना, लिंग के ऊपरी भाग (लिंग के मुख) पर सफेद रंग का घाव हो जाना, यह पेशाब में अधिक मात्रा में शर्करा हो जाने के कारण होता है तथा पेशाब करने में असमर्थ होना (इनबिलिटी टू रिटैंन युरीन)। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभदायक है।
एब्रोमा आगस्टा के मन से सम्बन्धित लक्षण
रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा हो, उत्तेजनशील स्वभाव वाला हो, भद्दा मजाक करने वाला हो, याददास्त कमजोर हो, हताश, निराश, धैर्य की क्षमता कम होना तथा अपने स्वभाव को बदलने में असमर्थ होना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभकारी है।
एब्रोमा आगस्टा के हृदय से सम्बन्धित लक्षण
हृदय में कमजोरी आना, धड़कन की गति तेज होना तथा बेहोशी जैसा अनुभव होना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण
खुजली, जलन, गर्मियों में छोटे-छोटे फोड़े, नासूर तथा सूखी त्वचा को ठीक करने में एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभदायक है।
एब्रोमा आगस्टा के श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण
खांसी के साथ पीब जैसा बलगम निकलना, छाती में दर्द होना, सफेद या पीला ढेलेदार थूक, ठण्डी हवा से लक्षणों में और तेजी होना, शाम तथा रात के समय में लक्षणों में तेजी होना तथा खांसते समय छाती में दर्द होना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के गर्दन तथा पीठ और शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण
गर्दन, पीठ तथा शरीर के बाहरी अंगों में हल्का-हल्का दर्द होना, अंगों में कमजोरी होना तथा गुर्दे में दर्द होना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के मुंह से सम्बन्धित लक्षण
पूरे मुंह के अन्दर रूखापन होना, रोगी एक बार में बहुत सारा पानी पी जाता है, लेकिन फिर भी मुंह के अन्दर का रूखापन दूर नहीं होता है, जीभ साफ और सूखी रहती है, होठ सूखे और नीले-नीले पड़ जाते हैं तथा आवाज साफ निकलती है। इन लक्षणों को दूर करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के पुरुष से सम्बन्धित लक्षण
सम्भोग क्रिया करने में कमजोरी तथा असमर्थता होना, सम्भोग क्रिया करने के बाद बुरी तरह से थक जाना, वृषणों (अण्डकोष) में सूजन तथा वह ढीले होकर नीचे की ओर लटक जाते हैं, लिंग की उत्तेजना खत्म हो जाना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण
मासिक धर्म की अनियमिता, खून का काला हो जाना, खून का थक्केदार रूप में हो जाना, शरीर में खून कम या अधिक होना तथा खून पीला हो जाना, मासिक-स्राव का अधिक मात्रा में होना, मासिकधर्म का रूक जाना, कष्टार्तव (डाइमेनोरिया)-मासिक धर्म में अधिक कष्ट होना, मासिकधर्म के समय में स्राव अधिक होना, सफेद, पतला तथा पानी की तरह स्राव होना, हरित्पाण्डू रोग (क्लोरोसिस), मासिकधर्म शुरू होने से दो-तीन दिन पहले पेट के निचले भाग में दर्द होना, हिस्टीरिया रोग तथा मासिकधर्म से सम्बन्धित कुछ गड़बड़ी होना। इन लक्षणों से पीड़ित स्त्रियों का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि बहुत उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के नींद से सम्बन्धित लक्षण
आलस्य, अनिद्रा, किसी कार्य को करने का मन न करना तथा सुबह के समय में अच्छी नींद आना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का रोग ठीक करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभदायक है।
एब्रोमा आगस्टा के ज्वर (बुखार) से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को बुखार के साथ ही शरीर सूख जाता है तथा गर्मी महसूस हो रही हो तथा उसे अधिक प्यास लग रही हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि लाभकारी है।
एब्रोमा आगस्टा के सिर से सम्बन्धित लक्षण
सिर में खालीपन महसूस होना, सिर को इधर-उधर लुढ़काते रहने की आदत व घुमरी होना, भारीपन तथा असुविधा महसूस होना तथा अधिक चक्कर आने पर एब्रोमा आगस्टा औषधि का उपयोग लाभकारी है।
एब्रोमा आगस्टा के आंखों से सम्बन्धित लक्षण
दृष्टि दोष (आंखों की देखने की रोशनी कम होना), पलकों में सूजन होना, भारीपन महसूस होना, आंखें थक जाती हैं, आंखें बार-बार ऊपर नीचे करना, आंखों में दर्द तथा जलन होना, आंखों की नेत्रश्लेष्मा पीली पड़ जाना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि अधिक लाभदायक होता है।
एब्रोमा आगस्टा के कान से सम्बन्धित लक्षण
सुनने की शक्ति कमजोर होना, कानों में भिनभिनाहट होना तथा कान का बहना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि का उपयोग करना चाहिए। यह बहुत अधिक लाभदायक होता है।
एब्रोमा आगस्टा के चेहरे से सम्बन्धित लक्षण
चेहरा मुरझाया हुआ लगना, पीला चेहरा होना, चेहरे पर झुर्रिया पड़ना, बूढ़ों जैसा चेहरा हो जाना, चेहरे पर खुजलाहट होने के साथ-साथ जलन महसूस होना तथा चेहरे पर दरारे पड़ना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए एब्रोमा आगस्टा औषधि अधिक उपयोगी है।
एब्रोमा आगस्टा के गले से सम्बन्धित लक्षण
कंठ में खुश्की होना तथा जलन होना, ऐसा महसूस होना जैसे की गले में कुछ अटक गया हो तथा दर्द होने पर इस एब्रोमा आगस्टा औषधि का उपयोग लाभदायक है।
एब्रोमा आगस्टा कि मात्रा
एब्रोमा आगस्टा औषधि की मूलार्क, 2x, 3x शक्तियां का प्रयोग करना चाहिए।
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