सुंदरता बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक उबटन
रूप निखार उबटन
इसे लगाने से चेहरा साफ ( गोरा ) होता है एवम कील - मुँहासे , झांई ( चेहरे पर काले दाग - धब्बे ) दूर होते हैं । यथा नाम तथा गुण प्रकट करने वाला यह उबटन सचमुच रूप में निखार लाता है । प्रतिदिन सुबह - शाम या केवल एक बार प्रातः या रात को सोने से पूर्व लगातार कई माह तक प्रयोग करते रहना चाहिए ।
रूप निखार उबटन |
प्रयोग विधि
रूप निखार उबटन पावडर लेकर आवश्यक मात्रा में जल मिलाकर खूब गाढा घोल बना ले तथा चेहरे पर लेप करें । सूख जाने पर धो ले ।
रूप निखार उबटन बनाने की विधि
- हल्दी 30 ग्राम
- मसूर की दाल 10 ग्राम
- चंदन चुरा 10 ग्राम
- छार छरीला 10 ग्राम
- चिरौंजी 12 ग्राम
- जायफल 5 ग्राम
- कर्पूर 3 ग्राम
इन सबको आपस मे मिलाकर खूब महीन पीसकर रख ले , यही रूप निखार उबटन है । इसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता हैं ।
चंद्रप्रभा उबटन
इस अनुभूत उबटन का रसतंत्र सार व सिद्ध प्रयोग संग्रह नामक ग्रंथ में वर्णन है । इसके प्रयोग से मुँहासे और मुँह पर के काले दाग कुछ ही दिनों में दूर हो जाते है तथा सारे शरीर पर उबटन करने से दुर्गुन्ध , फुंसी और खाज दूर होकर शरीर की त्वचा सुंदर बन जाती है ।
चन्द्र प्रभा उबटन |
चंद्रप्रभा उबटन बनाने की विधि
- पीली सरसों 10 ग्राम
- चिरौंजी 10 ग्राम
- मसूर की दाल 10 ग्राम
इन तीनो को लेकर पीसकर आपस मे मिलाकर रख ले । आवश्यक मात्रा में लेकर गाय के दूध में मिलाकर रात को सोने के समय चेहरे पर लेप करें ।
कान्तिप्रद रक्त चंदनादि लेप
रक्त चंदन |
शांगधराचार्य द्वारा वर्णित यह लेप मुँह की झांई , व्यंग आदि दूर कर चेहरे की कान्ति को बढ़ाता है । इसके नियमित प्रयोग से चेहरा सुंदर बन जाता हैं ।
कान्तिप्रद रक्त चंदनादि लेप बनाने की विधि
- लाल चंदन
- मंजिष्ठा
- लोध्र
- कूट
- प्रियंगु
- बड़ के अंकुर
- मसूर की दाल
इन सातों चीजो को बराबर - बराबर मात्रा में लेकर जल के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करे । जब लेप सुख जाए तो लेप को धो दे ।
वटपत्रादि लेप
- बड़ के पके पिले पत्ते
- चमेली के पत्ते
- लाल चंदन
- कूठ
- दारू हरिद्रा
- पठानी लोध
सबको जल के साथ पीसकर लेप करने से मुँहासे , व्यंग और नीलिका नष्ट होते है तथा त्वचा का सौंदर्य बढ़ता है।
नोट - उपरोक्त नुस्खों में दी गई सारी सामग्री पंसारी की दुकान में आसानी से मिल जाती है ।
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