अत्यन्त वाजीकारक आम्रपाक
आम्रपाक |
अच्छे मिठे पके आमो का रस 4 किलो लेकर उसमे एक किलो मिश्री , 200 ग्राम घी , 110 ग्राम सोंठ का महीन चूर्ण , 50 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण , 25 ग्राम पीपर का चूर्ण और ताजा जल की एक किलो मात्रा मिलाकर कलईदार पात्र में धीमी आंच पर कलछी ( या आम की लकड़ी ) से चलाते हुए पानी जल जाने तक उबाले , जब यह मिश्रण ढीले मावा जैसा हो जाय तब निचे उतारकर उसमे पहले से तैयार कर रखा हुआ निम्न द्रव्यों का महीन मिलाकर पाक जमा दे ।
सामग्री
- धनिया
- सफेद जीरा
- तेजपात
- नागरमोथा
- पीपरामूल
- काला जीरा
- दालचीनी
- चित्रकमूल
- नागकेशर
- छोटी इलायची
- लौंग
- जायफल
- जावित्री
सबको 10 - 10 ग्राम में लेकर एक साथ महीन कर ले । यदि इसे अवलेह जैसा बनाना हो तब इसमे 110 ग्राम शहद भी मिला सकते है । इस प्रकार तैयार इस आम्रपाक को अमृतवान में सुरक्षित रखे ।
आम की पापड़ी |
आम्रपाक के उपयोग
- नित्य 20 से 40 ग्राम इस आम्रपाक को खाने तथा ऊपर से उबालकर गुनगुने किये 250 ग्राम दूध का सेवन करने से शरीर में भरपूर ताकत आती हैं । यह पाक बल , वीर्य , बुद्धि तथा आयु और कामशक्ति को बढ़ता है ।
- इस पाक के सेवन से तपेदिक , दमा के रोगी भी लाभ प्राप्त कर सकते है , उनके लिये यह बहुत गुणकारी है । इसके सेवन से भोजन के प्रति रुचि भी जाग्रत होती हैं ।
- जिन स्त्रियों को बार - बार गर्भपात होता हो या बच्चा मरा हुआ पैदा होता हो , उन्हें इस पाक का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
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