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Benefits of magical watermelon जादुई तरबूज के फ़ायदे

जादुई  तरबूज के फ़ायदे

तरबूज गर्मियों के मौसम में होने वाला फल है। तरबूज का फल आकार में गोलाकार होता है। यह काफी भारी होता है। गर्मियों के मौसम में इसके सेवन करने से प्यास शांत होती है। शरीर में गर्मी के प्रभाव को दूर करने के लिए इसका सेवन करना अधिक लाभदायक होता है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीरमें शिथिलता आ जाती है इस कारण कुछ लोग इसे अक्ल यानि बुद्धि को नष्ट करने वाला मानते हैं। 
Benefits of magical watermelon जादुई  तरबूज के फ़ायदे
तरबूज़ के फायदे

  • भोजन करने के एक घंटे बाद इसका सेवन करना लाभकारी होता है।

रंग 
  • इसके बीज लाल, काले व भूरे रंग के होते हैं।

प्रकृति  
  • तरबूज की प्रकृति गर्म होती है। तरबूज के बीज ठंडे और पौष्टिक होते हैं।

गुण  
  • यह वीर्य को बढ़ाने वाला होता है।

हानिकारक प्रभाव
  • तरबूज का अधिक मात्रा में सेवन करना हानिकारक होता है क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से मस्तिष्क में शिथिलता आ जाती है। तरबूज का रस दमे के रोगियों को नहीं पीना 
  • तरबूज का 1 कप रस, 1 कप गाय का दूध व मिश्री 30 ग्राम मिलाकर 1 सफेद कांच की बोतल में भर दें। इस बोतल को रात के समय में खुले आकाश (चांदनी) में किसी सुरक्षित जगह पर रख दें। सुबह के समय में इसे रोगी को पिलाएं। इस प्रयोग को लगातार 21 दिन तक करते रहने से पागलपन व वहम दूर हो जाता है।
  • 10 ग्राम तरबूज के बीजों को छीलकर उसकी गिरी को निकाललें। इस गिरी को शाम के समय में पानी में डालकर रख दें और फिर सुबह में इन गिरियों को जल में पीसकर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सेवन करने से उन्माद या पागलपन ठीक हो जाता है।
  • तरबूत का रस किसी बर्तन में लेकर उसे रात के समय में ओस में रख दें और सुबह के समय में इसमें चीनी मिलाकर पी जाएं। इसका सेवन प्रतिदिन करने से लिंग का घाव और मूत्र की जलन नष्ट हो जातीहै।
  • तरबूज के बीजों की गिरी 6 ग्राम तथा मिश्री 6 ग्राम को एक साथ चबाकर खाने और ऊपर से दूध पीने से शरीर में ताकत की वृद्धि होती है जिसके फलस्वरूप नपुंसकता खत्म होती है।
  • तरबूज के छिलके जलाकर उसकी राख को छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • तरबूज के अंदर के गूदे को त्वचा के जहरीले छाले पर लगाकर पट्टी बांधने से छाले ठीक हो जाते हैं।
  • तरबूज के बीजों को गर्म पानी मे पीसकर छानकर पी लें। इससे पेशाब करने पर होने वाले कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके सेवन से पथरी गलकर पेशाब के द्वारा बाहर निकल जाती है।
  • तरबूज की जड़ को ताजे पानी में पीसकर उसे तीन बार छानकर कम से कम 10 दिनों तक रोज खायें इससे पथरी गलकर बाहर निकल जाती है। 
  • पेचिश के रोगी को तरबूजा खिलाने से शरीर के अंदर मलदोष दूर होकर खूनी पेचिश ठीक हो जाती है। इसे रोगी को सेवन कराने के बादपानी बिल्कुल भी न पिलाएं।
  • तरबूजा को खाने से पेशाब खुलकर आता है जिसके फलस्वरूप जलोदर ठीक हो जाता है।
  • 10-10 ग्राम तरबूज के लाल बीज और मिश्री को पीसकर पानी के साथ खाने से रक्त प्रदर ठीक हो जाता है।
  • पके हुए तरबूज में एक चौकोर टुकड़ा काटकर निकाल लें फिरतरबूज के कटे हुए भाग में से कुछ उसके गूदा को और निकाल लें। इसके बाद इसमें 250 ग्राम चीनी भरकर ऊपर से वही टुकड़ा रखकर उसका मुंह बंद कर दें और रात केसमय इसे ओस में रख दें। सुबह के समय इसके अंदर का पानी पीएं। इस प्रकार से उपचार प्रतिदिन कुछ दिनों तक करने से उपदंश रोग ठीक हो जाता है।
  • यदि गर्मियों का मौसम चल रहा हो तो तरबूज के रस में काला नमक डालकर पीने से एलर्जी दूर होती है।
  • तरबूज के बीज की गिरी और सफेद खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा मिलाकर रख लें। फिर इसमें से 3 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लें। इससे रक्तचाप कम होता है और रात में नींद अच्छी आती है। सिर दर्द भी दूर हो जाता है। इसके सेवन से रक्तवाहिनियों की कठोरता घटने लगती है और खून की खराबी भी दूर होती है व रक्तवाहिनियां मुलायम और लचकीली बनने लगती है। इसका प्रयोग आवश्यकतानुसार चार से पांच सप्ताह तक करना चाहिए।
  • तरबूज के बीजों के रस में एक तत्व होता है जिसे कुरकुर पोसाइट्रिन कहते हैं। इसका असर गुर्दो पर भी पड़ता है। इससे उच्च रक्तचाप कम हो जाता है। इसके अलावा टखनों के पास की सूजन भी ठीक हो जाती है।
  • 1 कप तरबूज के रस में 1 चुटकी सेंधानमक डालकर पीने सेउच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) कम होता है।
  • तरबूजे के बीज को पानी में पीसकर होंठों अथवा जीभ पर मलने से `होठ तथा जीभ का फटना` ठीक हो जाता है।
  • लगभग 50 मिलीलीटर तरबूज के रस में लगभग 2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण को मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से सूजन (शोथ) दूर हो जाती है।
  • तरबूज के बीजों का रस या जूस पीने से गुर्दों की खराबी के कारण होने वाली सूजन खत्म हो जाती है।




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