> World Health Day ( विश्व स्वास्थ्य दिवस ) 2020

World Health Day ( विश्व स्वास्थ्य दिवस ) 2020

World Health Day 


विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरूआत सन 1950 से हुई इससे पहले ही 1948 में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) की स्थापना हुई उसी साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) की पहली विश्व सभा हुई जिसमें 7 अप्रैल से हर साल विश्व स्वास्थ्य  दिवस मनाने का फैसला लिया गया । इसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना है । 
World Health Day ( विश्व स्वास्थ्य दिवस ) 2020
विश्व स्वास्थ्य दिवस

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारिरिक , मानसिक व सामाजिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ही मानव स्वास्थ्य की परिभाषा है । स्वास्थ्य का अंग्रेजी पर्याय HEALTH मूलतः HOLE शब्द से बना है जिसका अर्थ होता हैं सम्पूर्ण यानी जब हम कहते है स्वस्थ महसूस कर रहा हूं या रही हूं मतलब  अपने भीतर हमे एक पूर्णता का एहसास होता हैं ।

चिकित्सक की दृष्टि से यदि हम बीमारियों से मुक्त है तो हमे स्वस्थ माना जाता हैं लेकिन , यही स्वास्थ्य नही है अगर हम देह , मन व आत्मा से एक पूर्ण मनुष्य जैसा महसूस करते हैं तभी वास्तव में स्वस्थ हैं ।

इंसान के जीवन का मूल मंत्र क्या है ?

स्वस्थ जीवन - सुखी जीवन . इंसान रोजमर्रा की जिंदगी में सुबह से लेकर शाम तक कितनी मेहनत करता है जिससे वह एक सुखी जीवन व्यतीत कर सके पर क्या आप को लगता है कि आज इंसान सही रूप से जीवन व्यतीत कर रहा है । जितनी तेजी से हमारी जिंदगी आगे बढ़ रही है उतनी तेजी से इंसान रोगों व तनाव से ग्रस्त हो रहा है । इस रफ्तार से बढ़ती जिंदगी में इंसान का स्वास्थ्य कही पीछे छूटता जा रहा है आगे निकलने की दौड़ में इंसान अपनी सबसे अहम चीज को दांव पर लगा रहा है और वह है उसका स्वास्थ्य ।

तरह - तरह की बीमारियां फैलती जा रही हैं जिनमें से कई ऐसी बीमारिया हैं  जिनका उपचार अभी तक नही पता चल पाया बढ़ती बीमारिया एक सम्पूर्ण विश्व का एक गम्भीर विषय बन गई हैं इसीलिए 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई और स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिन विश्व मे विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा ।

स्वास्थ्य के पहलू

  • शरीर
  • मन
  • आत्मा

शरीर

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही भोजन खाइये , व्यायाम कीजिये क्योंकि स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका है शरीर से काम लेना अगर इसका प्रयाप्त ध्यान रखा जाय तो शरीर मे वो सबकुछ हैं जो इसे स्वस्थ रख सके और जब बात शारिरिक सेहत की है तो शरीर का इस्तेमाल तो करना ही चाहिए और ऐसा करने से अस्सी प्रतिशत बीमारियों से बचा जा सकता हैं और जैसा कि कहा जाता हैं Prevention is Better than Cure तो नियमित अंतराल पर अपना रूटीन चेकअप करवाते रहिये क्योकि स्वस्थ दिखने व स्वस्थ होने में जमीन और आसमान जितना फर्क होता हैं ।

मन

अब बात करते हैं स्वस्थ मन की क्योंकि बाहर से चाहे हम कितने ही फिट हो लेकिन अंदर से तनाव में हो तो भी हम स्वास्थ्य से कोसो दूर है और मानसिक स्वास्थ्य आज के समय मे एक प्रमुख ज्वलंत समस्याओ
में से एक है इसके लिए अपने मस्तिष्क को सक्रिय रखे कोई नया काम , कोई कला जो सीखने को प्रोत्साहित करती हैं जैसे कि एक नई भाषा या फिर कोई एक नया कौशल , किताबें पढ़े , पर्याप्त आराम करे । हमारे इस उन्मादी जीवन मे एक चीज जिसे हम हमेशा त्याग देते हैं वह है नींद लेकिन यह हमारे दिमाग के साथ - साथ हमारे शरीर के लिए भी एक महत्वपूर्ण चार्जिंग का समय होती है । इसीलिए रात को अच्छी नींद ले ।

आत्मा

अब तीसरा पहलू है स्वस्थ आत्मा । स्वास्थ्य का अक्सर उपेक्षित पहलू हम आमतौर पर इसे धार्मिक होने या जादुई मंगो - चंगो में लिप्त दोनों समझते है लेकिन स्वास्थ्य तभी समग्र हो सकता है  या पूर्ण हो सकता हैं जब हम सभी तीनो पहलुओं में स्वस्थ होने पर विचार करे शरीर , मन व आत्मा ।

आद्ध्यत्मिक स्वास्थ्य एक बहुत ही व्यक्ति परक मुद्दा है यह हमें पूर्णता का अनुभव कराता है और हमें जीवन मे शान्ति और उद्देश्य खोजने में मदद करता है तथा एक स्वस्थ और सुखी जीवन का मार्ग भी प्रशस्त करता है । ऑनलाइन दोस्ती ( Online Dosti ) के इस युग मे वास्तविक मानवीय भावनाएं दुनियाभर में वेब ( Web ) के चक्रव्यूह में खो जाती हैं । व्यक्तिगत कनेक्शन बनाने के लिये समय निकाले प्रकृति की सराहना करे इसमे चमत्कारिक उपचार  शक्तियां है जो सबसे अशान्त दिमागों में भी शान्ति स्थापित कर सकती हैं । टहलने के लिए समय निकले , संगीत , स्वंय सेवा , कला , मन्दिर में भगवान के दर्शन , कीर्तन , भजन ये सब जो कुछ भी आपको आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ महसूस  कराने के करीब लाता है आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा और ये सेहत आपका या मेरा कोई विचार नही । सेहत का मतलब जीवन अच्छे से चल रहा है और इसे हमने नही बनाया सच मे यदि हमने कुछ बनाया है तो हमने बीमारियों को बनाया है । सेहत जीवन जीने का एक तरीका है यदि आप अपने शरीर का , अपने सर का और अपनी ऊर्जा  का सही इस्तेमाल करते हैं और अगर इनकी अच्छी कसरत हुई हैं और ये सन्तुलित है तो आप स्वस्थ हैं । आपका शरीर व मन अच्छे से काम कर रहा है और आपकी ऊर्जा इनका साथ दे रही हैं तो यही सेहत है इनका पूरे प्रवाह के साथ चलना ही सेहत है और इसलिए चाहे पतञ्जलि का योग सूत्र हो , भगवत गीता हो या कोई अन्य उपनिषद सभी यह वर्णित है कि स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए एक संतुलित जीवन की जरुरत होती हैं ।

भगवत गीता के अध्याय 6 के 17 वे श्लोक में भगवान श्री. कृष्ण ने इसको आदर्श रूप में अर्जुन के सामने रखा है कृष्ण कहते हैं -
युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु 
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगों भवति दुःखहा ।। 17 ।।

yuktāhāravihārasya yuktacēṣṭasya karmasu ।
yuktasvapnāvabōdhasya yōgō bhavati duḥkhahā ৷৷ 

अर्थात जिसका भोजन एवं रहन - सहन सन्तुलित हो , जिसका आचार अच्छा हो व जिसका नियम से सोना एवं उठना हो आध्यात्म का रास्ता उसके सभी दुखो व दुखी जीवन को समाप्त कर देता है और आधुनिक वैज्ञानिक शोध भी गीता के इस सूत्र की पृष्टि करते है क्योंकि यदि अपनी ऊर्जा को पूर्ण प्रवाह और उचित सन्तुलन में रखा जाए तो ये महज स्वास्थ्य को बनाये रखने से ज्यादा और बहुत कुछ करने में सक्षम हैं इसलिए हरेक को अपनी खुराक विचार और क्रियाओ के बारे में सक्रिय रूप से चिंतन व विचार करते रहना चाहिए ।

आप सभी स्वस्थ व निरोगी रहे इसी कामना के साथ  सुरयोगा की ओर से विश्व स्वास्थ्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद - जय भारत


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