> कोरोना वायरस - डरने की जरूरत नही , होम्योपैथी है ना मगर सावधानी रखें

कोरोना वायरस - डरने की जरूरत नही , होम्योपैथी है ना मगर सावधानी रखें


कोरोना वायरस


31 दिसम्बर 2019 को WHO ने चायना में बहुत सारे केस रिकॉर्ड लिए लेकिन यह पता नही चल पा रहा था कि यह नया वायरस कोनसा हैं अभी चीन में जो वायरस फैला है वह कोरोना वायरस का नया प्रकार है जिसे novel coronavirus (2019-nCoV) नाम दिया गया है ।

कोरोना वायरस - डरने की जरूरत नही , होम्योपैथी है ना मगर सावधानी रखें
                                                कोरोना वायरस


सभी कोरोना वायरस घातक नही होते यह वायरस कोई आज का नही है इसके बारे में सबसे पहले पता 1980 के दशक में चला था. कोरोना वायरस कई प्रकार के होते है और अधिकांश घातक नही होते लेकिन साल 2012 में इसके एक प्रकार मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिस्टम ( एम.ई.आर.एस ) ने पहली बार घातक रूप दिखाया था , तब सउदी अरब और अन्य पड़ोसी देशों में इससे 858 लोगो की मौत हुई थी । साल 2013 में इसके एक और प्रकार सार्स ( एस. ई.आर.एस ) की वजह से 774 लोगो की मौत हुई .

कोरोना वायरस के लक्षण


चीन में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप से भारत सहित अन्य देशों में भी डर और आशंका व्याप्त हो गई है । इसे लेकर भारत मे अलर्ट जारी कर दिया गया है । विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस के लक्षण आम फ्लू , सर्दी - जुकाम के संक्रमण जैसे ही होते है इसलिए इसका पता आसानी से लगा पाना मुश्किल होता है


इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी - जुकाम के लक्षणों जैसे दिखाई देते है जैसे कफ , गले मे सूजन , सिरदर्द , कई दिनों तक तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत लेकिन ये लक्षण होते ही घबराए नही बस सतर्कता रखे , ध्यान रखें कि अभी भारत फिलहाल इस वायरस से मुक्त है लेकिन लक्षण के तीव्र होने पर अच्छे विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले ।

इन्क्यूबेशन पीरियड ( Incubation Period )

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                                             इन्क्यूबेशन पीरियड


जब भी कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो कितने दिनों बाद वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते है उस पीरियड को इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है ।

कोरोना वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 10 से 14 दिन का होता है । 10 से 14 दिनों के बाद निम्न लक्षण दिखाई देने लगते है

  • हल्का बुखार
  • गले मे दर्द
  • सर्दी
  • नाक का बहना
  • छींके
  • बदन में तेज दर्द
  • सर दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द

उपरोक्त लक्षणों के साथ शरीर की इम्युनिटी ( रोग प्रतिकार शक्ति ) कम हो तो माइल्ड निमोनिया ( Mild Pneumonia ) के लक्षण दिखाई देने लगते है ऐसे में मरीज को कफ ( Cough ) बहुत ज्यादा हो जाता है उसे सांस लेने में तकलीफ होती हैं मरीज सांस बहुत तेज लेने लगता हैं और साथ ही बुखार हो जाता है अगर उपरोक्त स्तिथि में मरीज का मैनेजमेंट (Treatment) नही हुआ और साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम हो तो Severe Pneumonia के लक्षण दिखाई देने लगते है ऐसे में lungs ( फेफड़े ) बहुत ज्यादा Congested हो जाते है । फेफड़ो में बहुत ज्यादा श्लेष्मा ( Mucus ) जम जाता है साथ ही साथ रेस्पिरेटरी रेट ( Respiratory Rate ) 30 ब्रेथ पर रेट हो जाता है । Body Oxygen Rate 90 से कम हो जाता है और आगे यह एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम ( Acute Respiratory Distress Syndrome ) में परिवर्तित हो सकता है जिसमे फेफड़े ( Lungs ) धीरे - धीरे काम करना बंद कर देते हैं ।

क्या है कोरोना वायरस ?


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कोरोना वायरस

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक कोरोना वायरस खास किस्म के वायरसो का ऐसा समूह हैं जो जानवरों में पाया जाता है । सम्भवतः यह पशुओं से ही इंसानो तक पहुंचा हो , कोरोना वायरस अब तक खोजे गये 6 सबसे खतरनाक वायरसों में से एक है । शुरुआत में यह पता ही नही चल पाता कि इंसान इससे संक्रमित हो गया है इसके बारे में मालूम तब चलता है जब स्तिथि गंभीर हो जाती हैं ।

कैसे फैलता है कोरोना वायरस


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कोरोना वायरस का संक्रमण

जानवरो के संपर्क से आने वाले इंसानो को यह वायरस संक्रमित करता है लेकिन संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में भी संक्रमण हो सकता है इसीलिए यह ज्यादा खतरनाक है । सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक संक्रमित मरीज के जुकाम , छींक और उससे हाथ मिलाने से भी यह फैल सकता है ।

क्या कोरोना वायरस का इलाज सम्भव है ?


अभी तक इसका कोई इलाज नही खोजा जा सका है नही इसका कोई वैक्सीन उपलब्ध हैं । इसीलिए डॉक्टर्स इसके लक्षणों के आधार पर ही इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाइयो का उपयोग करते हैं इसकी वैक्सीन पर अभी काम चल रहा है 

होमियोपैथीक प्रिवेंशन ( Prevenent by Homoeopathy )


आप होमियोपैथी की मेडीसिन से किसी भी प्रकार के वायरल इन्फेक्शन को कंट्रोल कर सकते है ।

वायरल इन्फेक्शन को कंट्रोल करने के लिए

Arsenic album 200 CH - 2 - 2 बून्द रोज सुबह - सुबह ले ( वयस्कों के लिए ) 1-1 बून्द ( बच्चो के लिए )




अगर आपको वायरल इंफेक्शन के लक्षण दिखाई दे तो Arsenic album 30 ---2-2 बून्द 1 -1घंटे के अंतर से ले।

साथ ही तेज बुखार हो तो Belladonna 30 और Eupatorium Perf 30 ले।

यदि आपको निमोनिया ( Pneumania ) के लक्षण हो तो आप होमियोपैथी का Lobelia Inflata Q ----20 बून्द आधे कप गुन-गुने पानी के साथ दिन में चार बार ले सकते है ।

संक्रमण होने पर क्या करे ?


सामान्य फ़्लू के दौरान जो उपाय आजमाए जाते है , वह करे - जैसे पर्याप्त आराम करे , खूब तरल पदार्थ ( जैसे - गुनगुना पानी , सुप , चाय , ग्रीन टी इत्यादी पीये ) गले मे दर्द और फीवर के लिए दवाइया ले लेकिन एस्प्रिन ( Asprin ) अवॉइड करे , खासकर 19 साल से कम उम्र के लोगो को यह दवा बिल्कुल न दे ।

कैसे कर सकते है कोरोना वायरस से बचाव ?


कोरोना वायरस से बचाव का भी वही तरीका है जो सामान्य फ़्लू के मामले में होता हैं । यानी मरीज के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए । मरीज की आंख , नाक , मूँह को नही छुए । अपने हाथों और उँगलियों को अपनी आंख , नाक और मूँह से दूर रखो ।अपने हाथों को साबुन या गुनगुने पानी से धोये । हाथ नही धोने की स्थिति में सैनेटाइजर का इस्तेमाल करे अगर आप खुद संक्रमित है तो घर पर ही रहे खासतौर पर भीड़ वाले इलाके में जाने से बचे . छींकते समय अपने मुंह को ढके ताकी दुसरो को संक्रमण न हो ।

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जय हिंद जय भारत

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