> जानलेवा कोरोना वायरस की सम्पूर्ण जानकारी और रोकथाम के आयुर्वेदिक , होम्योपैथीक व यूनानी उपाय हिंदी में

जानलेवा कोरोना वायरस की सम्पूर्ण जानकारी और रोकथाम के आयुर्वेदिक , होम्योपैथीक व यूनानी उपाय हिंदी में

जानलेवा कोरोना वायरस की सम्पूर्ण जानकारी और रोकथाम के उपाय हिंदी में 


कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से निकलकर महीने भर के भीतर दुनिया के 20 से भी ज्यादा देशो में पहुँच गया है । विशेषज्ञ आशंका जता रहे कि ये वायरस और फैलकर पहले से कही अधिक लोगो को अपनी चपेट में ले सकता हैं। दुनिया भर की सरकारे इसे वैश्विक महामारी घोषित करने की तैयारी कर रही हैं ।
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कोरोना वायरस 

महामारी क्या होती हैं ?


ऐसी संक्रामक बीमारी जिससे एक ही समय मे दुनिया भर के लोग सामना कर रहे हो ऐसी बीमारी को महामारी कहा जाता हैं।या दुनिया के अलग - अलग हिस्से में कोई संक्रमण बढ़ता हुआ दिखाई देता हैं तो उसे महामारी कहा जाता है ।


कोरोना वायरस क्या है ?
What is Corona Virus in hindi ?


कोरोना वायरस , कोरोनाविरिडाई ( Coronaviridae ) परिवार का सदस्य है । कोरोना एक लेटिन शब्द है - जिसका मतलब क्राउन ( सिर का मुकुट ) होता हैं । कोरोना वायरस की सतह पर क्राउन जैसे उभार पाए जाते है , इसलिए इस वायरस का नाम कोरोना वायरस पड़ा ।

कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक तरह का वायरल इंफेक्शन है , जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र , नाक और गले को प्रभावित करता है । जब संक्रमण गंभीर नही होता है तब इससे सामान्य सर्दी - जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है । परन्तु जब संक्रमण गंभीर हो जाता हैं तब इससे होने वाले लक्षण भी गंभीर हो सकते है जैसे साँस लेने में तकलीफ होना , तेज बुखार और खांसी का होना इत्यादि।


कोरोना वायरस - डरने की जरूरत नही , होम्योपैथी है ना मगर सावधानी रखें



सर्दी - जुकाम की तरह ही कोरोना वायरस का संक्रमण भी तेजी से फैलता है । संक्रमित व्यक्ति के छींकने से , खांसने से या बोलने के दौरान उसके मुँह से निकली द्रव्य की सुक्ष्म बूंदे हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाती हैं और एक स्वस्थ व्यक्ति को यह वायरस अपनी चपेट में ले लेता हैं । इस संक्रमण को रोकने के लिए कोई विशेष दवा नही है , विशेष रूप से स्वच्छता और सावधानी बरत कर ही कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बचा जा सकता हैं ।


 क्या है कोरोना वायरस का संक्रमण ?
( What is Infection of Corona Virus )

कोरोना वायरस कोरोना विरिडाई ( Corona viridae ) परिवार का एक वायरस है , जो मनुष्य के शरीर के कई हिस्सो में संक्रमण पैदा कर देता है । यह मुख्य रूप से नाक , सायनस और गले के ऊपरी भाग को प्रभावित करता है ।

कोरोना वायरस के प्रकार
( Types of Corona Virus )


मनुष्य में अभी तक कोरोना वायरस के सात प्रकार पाए गए है । इनमे से चार आम प्रकार के होते है , जो सर्दी - जुकाम और ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण का कारण बनते है जो कि निम्न है-

1 - 229 ई ( अल्फा कोरोना वायरस )
2 - एन एल 63 ( अल्फा कोरोना वायरस )
3 - ओ सी 43 ( बीटा कोरोना वायरस )
4 - एच के यू 1 ( बीटा कोरोना वायरस )

इसके बाद कोरोना वायरस के तीन प्रकार आते हैं , जो मनुष्य में गंभीर व जानलेवा संक्रमण पैदा करते हैं । ये तीन वायरस निम्न है -

1 - एस आर ए एस - सी ओ वी ( SARS. CoV )
एस आर ए एस - सी ओ वी एक ऐसा प्रकार है , जो " Severe acute Respiratory Syndrome " ( सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम ) नामक वायरल संक्रमण का कारण बनता है ।

2 - एम ई आर एस - सी ओ वी ( MERS - CoV )
कोरोना वायरस का यह प्रकार " मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम " ( MERS ) का कारण बनता हैं । यह भी एक प्रकार का वायरल संक्रमण है , जिसे " कैमल फ़्लू " के नाम से भी जाना जाता हैं ।

3 - 2019 - एन सी ओ वी ( 2019 - nCoV )
2019 नोवल कोरोना वायरस इसका सबसे नया प्रकार है । 2019 - एन सी ओ वी की पहचान सबसे पहले 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान शहर में की गई ।


क्या है कोरोना वायरस के लक्षण 
Symptoms of Corona Virus infection in Hindi 


कोरोना वायरस से विकसित होने वाले लक्षण मुख्य रूप से वायरस के प्रकार पर निर्भर करते है । 229 ई , एन एल 63 , ओ सी 43 और एच के यू 1 से होने वाले संक्रमण में अक्सर कोई गंभीर लक्षण विकसित नही होते है । ये वायरस मुख्य रूप से निचले श्वसन तन्त्र में संक्रमण , छाती में संक्रमण , ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसे लक्षण पैदा करते हैं ।
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कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण में निम्न लक्षण समूह देखे जा सकते हैं - 

  • छींक आना
  • गले मे दर्द होना
  • नाक का बहना 
  • लगातार सिर दर्द रहना
  • सुखी खाँसी होना
  • हल्का बुखार होना
  • कमजोरी महसूस होना
  • बदन दर्द होना
इसके अलावा कोरोना वायरस के कुछ गंभीर लक्षण भी हो सकते है , जो पूरी तरह से वायरस के प्रकार पर निर्भर करते है -

1 - एस ए आर एस - सी ओ वी से होने वाले लक्षण -

  • तेज बुखार होना
  • सिरदर्द
  • गंभीर बदन दर्द
  • हर समय कमजोरी महसूस होना
  • सूखी खांसी होना
  • कभी - कभी दस्त होना

2 - एम ई आर एस - सी ओ वी से होने वाले लक्षण -

  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • खाँसी
  • बुखार

3 - 2019 - एन सी ओ वी से होने वाले लक्षण -

  • ठण्ड लगकर बुखार होना
  • मांसपेशियों में दर्द 
  • नाक बहना
  • खाँसी होना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • निमोनिया

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण
Causes of Corona Virus in hindi
कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता हैं ?
कोरोना वायरस का संक्रमण सर्दी - जुकाम की तरह तेजी से फैलता हैं यह वायरस वातावरण में मौजूद पानी की अति सूक्ष्म बूंदों के जरिए भी फैल सकता है । यदि कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति छींकता या खांसता है तो उसके मुंह व नाक से द्रव्य की अति सुक्ष्म बूंदे हवा में मिल जाती है , इन बूंदों में कोरोना वायरस भी हो सकता हैं ।

जब इस संक्रमित हवा में कोई स्वस्थ व्यक्ति सांस लेता हैं , तो हवा के माध्यम से कोरोना वायरस भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता हैं और संक्रमण पैदा कर देता है ।

यह वायरस सिर्फ श्वसन तन्त्र में मौजूद बाल जैसे दिखाई देने वाले ऊतकों में ही बढ़ते हैं । कोरोना वायरस के कारण कोशिकाये क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और उनमें सूजन आने लगती हैं , इस स्तिथी में छींके आना , श्वसन मार्ग में रुकावट और म्यूकोसा का तापमान बढ़ना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं ।

मनुष्य को संक्रमित करने वाले वायरस मुख्य रूप से निम्न स्तिथियो में कोरोना वायरस के संपर्क में आते है -

1 - किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने पर संक्रमित हुई हवा में सांस लेने पर ।

2 - संक्रमित व्यक्ति के साथ एक कमरे में रहना या उसके पास खड़े होकर उनसे बात करना ।

3 - संक्रमित व्यक्ति को छूना या उनसे हाथ मिलाना ।

4 - किसी ऐसी वस्तु या सतह को छुना जिस पर कोरोना वायरस हो उदाहरण के लिये संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूषित की गई वस्तु ।

कोरोना वायरस की जांच 
Diagnosis of Corona Virus in hindi 
यदि डॉक्टर को लगता हैं कि आपको कोरोना वायरस है तो इसकी पुष्टी करने के लिये वे आपको कुछ टेस्ट करने की सलाह दे सकते है ।

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कोरोना टेस्ट

कोरोना वायरस की जांच के लिए मुख्य रूप से 2 टेस्ट हैं -

1 - मॉलिक्यूलर टेस्ट

  • इसमे मुख्य रूप से रियल - टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलिमरेज चेन रिएक्शन ( rRT - PCR ) टेस्ट किया जाता हैं । इस वायरस की मदद से शरीर मे वायरल आर एन ए की जांच की जाती हैं ।

2 - सेरोलॉजी टेस्ट

  • इसमे मुख्य रूप से एलिसा टेस्ट और एन्जाइम - लिंक्ड इम्युनोसोरबेन्ट एस्से शामिल है , इन टेस्टों की मदत से शरीर में कोरोना वायरस संक्रमण के विरोध में शरीर द्वारा बनाई गई एन्टीबॉडीज की पहचान की जाती हैं । 

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये आयुर्वेद , होमियोपैथिक और यूनानी  : Ayurvedic , Homoeopathic & Unani Management of Corona Virus Infection in Hindi

चीन के वुहान शहर से फैला रहा कोरोना वायरस (corona virus) अब तक करीब 132 लोगों की जान ले चुका है. कोरोना वायरस के कई मामले चीन से बाहर भी देखने को मिल रहे हैं. चीन की सीमाओं के बाहर वायरस का खतरा बढ़ते देख भारतीय हवाई अड्डों पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) के अंतर्गत रिसर्च काउंसिल ने आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा (Unani Medicines) के फायदों के फायदों के बारे में बताते हुए एडवाइजरी भी जारी की है.


  • स्वच्छ रहें और अपने आस-पास गंदगी न फैलने दें

  • करीब 20 सेकेंड तक साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं.

  • 1 लीटर गर्म पानी में मुस्ता, पर्पत, उशीर और चंदन जैसी चीजों को मिलाकर बॉटल में रख लें और प्यास लगने पर इसे पीएं.

  • आंख, नाक या मुंह पर हाथ लगाने के तुरंत बाद हाथ धोएं.

  • रोगी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.

  • खांसी या छींकते समय मुंह पर हाथ जरूर रखें. इसके बाद साबुन से हाथ अच्छी तरह धोएं.

  • सार्वजनिक स्थल और कार्य स्थल के अलावा बाहर घूमते वक्त मुंह पर N95 मास्क जरूर पहनें.

  • कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर मास्क पहनें और अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें.

आयुर्वेदिक उपाय
  •     शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं।
  •     अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
  •     समशामणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
  •     त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब घूंट में लेते रहें।
  •  प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें।

* यह सलाह केवल सूचना के लिए है और इसे केवल पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से अपनाया जाएगा।

होमियोपैथीक उपाय

  • आर्सेनिक एल्बम 30 रोज सुबह 2 बून्द खाली पेट 3 दिन इस दवा को एक महीने के पश्चात फिर दोहराया जाना चाहिए ।

कोरोना वायरस के संक्रमण के लिये यूनानी दवाएं

  •     शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
  •     तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
  •     तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
  •     खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
  •     स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
  •     नथुने में रोगन बनाफशा धीरे लगाएं
  •     अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
  •     बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
  •     10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
  •     क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
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